गोदी मीडिया और पप्पू मीडिया की हरकतों को देखते हुए पत्रकारिता की गिरती हालत पर रोज चर्चा (Discussion on the deteriorating condition of journalism) होती है। लेकिन यह गिरावट एक दिन में नहीं आ गई है न एक दिन में पत्रकारिता की मौत हुई है। पत्रकारिता की गिरावट के कारणों की समीक्षा (A review of the reasons for the decline …
Read More »Tag Archives: पलाश विश्वास
50 लाख साल की बूढ़ी मनुष्यता की कुल उपलब्धि हिंसा, घृणा और पितृसत्ता है?
पितृसत्ता रहेगी, नफरत और मार्केट की सियासत की शिकार स्त्री होगी, जाति के नाम सामूहिक बलात्कार होंगे, तो फूलनदेवी भी होगी पलाश विश्वास अन्याय और अत्याचार की दुःखद परिणति यही है। जाति हिंसा किसी महायुद्ध से कम नहीं है। अंध जातिवाद से पीड़ित मनुष्यता का प्रत्युत्तर भी हिंसा है। यह होती रहेगी। इसका अंत नहीं, क्रमबद्ध है यह। आजादी के …
Read More »हमारे पूरब घर और संगीत घर काले नागों के हवाले हैं
फिर एक दिन साझा परिवार टूट गया। संगीत घर ताईजी की रसोई बन गई, लेकिन उस रसोई में हम सारे बच्चे जमा होते थे। सुबह की चाय वही बनती थी। हम खाना वही खाते थे। Our East Ghar and Sangeet Ghar are handed over to black serpents ये कच्चे घर 70 साल पुराने हैं। 70 साल बाद भी जस के …
Read More »चमगादड़ों को इलाज की जरूरत नहीं होती, क्या हमें अस्पताल की जरूरत है?
दिनेशपुर में पुलिन कुमार विश्वास अस्पताल की दुर्दशा दिनेशपुर में पुलिन कुमार विश्वास अस्पताल के अहाते के पेड़ों में दुनिया भर के चमगादड़ों का डेरा है। कल प्रेरणा अंशु के दफ्तर गए थे, तो थोड़ा दिनेशपुर हाट की तरफ निकले मैं और उत्कर्ष। अचानक देखा कि एक पेड़ के नीचे बच्चों का जमावड़ा है कैनाल कालोनी परिसर में। जाकर देखा …
Read More »हमसे ज्यादा ज़िंदा हैं नबारून दा
नबारून दा आज भी अपनी रचनाओं में हमसे ज्यादा ज़िंदा है। समय और समाज के लिए गैर प्रासंगिक ज़िन्दगी कोई ज़िन्दगी नहीं होती। मुक्त बाजार में शहरी क्रयशक्ति हीन अंडर क्लास वर्ग समाज में सबसे निचले तबके की ज़िन्दगी उन्हीं की भाषा, उन्हीं के तेवर में हर्बर्ट, फैंटाडू और कंगाल मलसात जैसे उपन्यासों में जीने वाले रचनाकार की मौत नहीं …
Read More »रेडक्लिफ कमीशन, शरणार्थी सैलाब और नागरिकता का मसला
रेडक्लिफ कमीशन, शरणार्थी सैलाब और नागरिकता का मसला Radcliffe Line (रैडक्लिफ़ अवार्ड) मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में विभाजन के बाद तीन दिनों तक पाकिस्तान का झंडा फहराया जाता रहा तो खुलना में भारत का। खुलना का हिन्दू बहुल जिला मुर्शिदाबाद और मालदा के बदले पाकिस्तान को दे दिया गया। इसी तरह सिलहट का हिन्दू बहुल जिला पाकिस्तान को। चटगांव आदिवासी …
Read More »मेरा जन्मदिन कुलीन वर्ग के लिए एक दुर्घटना ही है
एक बड़े सच का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मार्टिन जान को मेरी याद तो है लेकिन पलाश विश्वास को वे पहचान नहीं पा रहे। दरअसल उत्तराखंड और झारखंड में लोग मुझे पलाश नाम से ही जानते रहे हैं, किसी विश्वास को वे नहीं जानते, क्योंकि राजकिशोर संपादित परिवर्तन में नियमित लिखने से पहले तक मैं पलाश नाम से …
Read More »लूटखसोट मची है और डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों की बलि चढ़ाई जा रही है
The medical system in Uttarakhand is at a standstill. उत्तराखंड में चिकित्सा व्यवस्था ठप है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित होकर मर भी रहे हैं। पीपीई किट नहीं है। दवाएं नहीं हैं। कोरोना के आंकड़े बढ़ाकर लूटखसोट मची है और डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों की बलि चढ़ाई जा रही है। भत्ते बन्द हैं। इंक्रीमेंट पर रोक है। वेतन में कटौती की जा …
Read More »