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50 लाख साल की बूढ़ी मनुष्यता की कुल उपलब्धि हिंसा, घृणा और पितृसत्ता है?
पितृसत्ता रहेगी, नफरत और मार्केट की सियासत की शिकार स्त्री होगी, जाति के नाम सामूहिक बलात्कार होंगे, तो फूलनदेवी भी होगी पलाश विश्वास अन्याय और अत्याचार की दुःखद परिणति यही है। जाति हिंसा किसी महायुद्ध से कम नहीं है। अंध जातिवाद से पीड़ित मनुष्यता का प्रत्युत्तर भी हिंसा है। यह होती रहेगी। इसका अंत नहीं, क्रमबद्ध है यह। आजादी के …
Read More »पितृसत्ता और राजनीति का गठजोड़
Patriarchy and politics nexus 2012 में निर्भया के साथ हुए दुष्कर्म के बाद जिस तरह जनता ने सड़कों पर आकर विरोध प्रकट किया और फिर रेप कानून की भी बनाया गया और आगे अपराधियों को सजा दिलवाने और पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए निर्भया फंड बनाया गया तो ऐसा लगा कि अब इस तरह की वारदातें आगे नहीं होंगी, …
Read More »ऐसा नहीं है कि असहिष्णुता सिर्फ सवर्णों की होती है, बाबासाहेब जैसे अद्भुत विद्वान राजनेता के अनुयायी भी कम असहिष्णु नहीं
वरिष्ठ पत्रकार पलाश विश्वास का यह आलेख हस्तक्षेप पर मूलतः April 19, 2016 को प्रकाशित हुआ था। पाठकों के लिए पुनर्प्रकाशन हम दीपा कर्मकार की उपलब्धियों (achievements of Deepa Karmakar) पर लिख नहीं रहे हैं। इस बारे में अगर आपकी दिलचस्पी है तो मीडिया के सौजन्य से आपको काफी कुछ जानकारी अब तक मिली होगी, जिसे हम दोहराना नहीं चाहते। …
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