Communal agenda in school curriculum : a matter of serious concern युक्तियुक्तकरण (rationalisation of syllabus) के नाम पर सीबीएसई के पाठ्यक्रम से अप्रैल 2022 में कई हिस्से हटा दिए गए. जिन टॉपिक्स को दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटाया गया है उनमें शामिल हैं प्रजातंत्र और बहुलता (democracy and pluralism), अफ़्रीकी-एशियाई इस्लामिक राज्यों का उदय, मुग़ल दरबारों का इतिहास (History …
Read More »Tag Archives: प्रजातंत्र
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे : क्या होगी बहुवाद और प्रजातंत्र की दशा और दिशा
Results of assembly elections of five states: what will be the condition and direction of pluralism and democracy पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा (Review of results of assembly elections of five states) करते हुए आईआईटी के पूर्व प्रोफेसर डॉ राम पुनियानी (Former IIT Professor Dr Ram Puniyani) इस आलेख में चर्चा कर रहे हैं कि वर्ष …
Read More »लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है देश में असहमति के प्रति बढ़ती असहनशीलता
Growing intolerance towards disagreement in the country is a serious threat to democracy न सिर्फ देश का सर्वोच्च न्यायालय, अनेक उच्च न्यायालय, अनेक समाचार पत्र, संविधान एवं न्यायिक क्षेत्र के अनेक विशेषज्ञ, और यहां तक कि दुनिया के विभिन्न देशों की मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of expression) के प्रति प्रतिबद्ध संस्थाएं यह मानती हैं कि भारत में बोलने …
Read More »हामिद अंसारी और भारतीय बहुवाद को खतरे : हमें अंसारी की बातों को गंभीरता से लेना होगा
Hamid Ansari’s Woes: Plight of Pluralism in India भारत का उदय विविधता का सम्मान करने वाले बहुवादी प्रजातंत्र के रूप में हुआ था. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हमारे संविधान में समुचित प्रावधान किये गए, जिनका खाका सरदार पटेल की अध्यक्षता वाली संविधानसभा की अल्पसंख्यकों पर समिति ने बनाया था. आज, सात दशक बाद, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके आर्थिक …
Read More »आंदोलनजीविता : आंदोलन का प्रजातंत्र
समाज में आंदोलन का महत्व | Importance of movement in society आंदोलन समाज में सुधार के लिए प्रेरित करते हैं या नीतिगत निर्णयों के प्रति एक सशक्त असहमति व्यक्त करते हैं। मूल रूप से लोकतंत्र में आंदोलन का उद्गम इन्हीं कारणों पर आधारित होता है। समाज में हमेशा से आंदोलन होते रहे हैं। अगर हम इतिहास में देखें तो 7वीं …
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