कथित ‘कुलीनतावाद-विरोध’ और जनतंत्र में आबादी के तर्क का सच ! संयोग से हमने आज ही ‘द वायर’ पर प्रताप भानु मेहता से अपूर्वानंद की साल भर पुरानी वार्ता (Apurvanand talks with Pratap Bhanu Mehta on ‘The Wire’) को सुना। वार्ता साल भर पुरानी होने पर भी राजनीति शास्त्र में दैनंदिन राजनीतिक घटनाक्रमों से सिद्धांत-निर्णय की अकादमिक क्रियाशीलता पर विचार …
Read More »