Tag Archives: बंगाल
किसानों के शांतिपूर्ण विद्रोह के प्रतीक चंपारण सत्याग्रह के 105 साल
चंपारण सत्याग्रह कब हुआ? Champaran Satyagraha in Hindi चंपारण सत्याग्रह पर टिप्पणी : कल्पना पांडे इस अप्रैल मे चंपारण के किसान आंदोलन को 105 वर्ष पूर्ण हुए। खेती के कॉर्पोरेटाइजेशन या कंपनीकरण (corporatization of farming) और शोषण की संगठित लूट के खिलाफ चले आंदोलन की कई मांगों की जड़ें चंपारण तक पहुंची मिलेंगी। इसके पहले विद्रोह हुए थे परंतु इस …
Read More »देश का भूगोल बहुत छोटा हो गया है क्योंकि आपको विकास चाहिये
The geography of the country has become very small because you want development. वरिष्ठ पत्रकार और हस्तक्षेप के सम्मानित स्तंभकार पलाश विश्वास की यह टिप्पणी (This comment of Palash Vishwas) आज से पाँच वर्ष पूर्व 17 मार्च 2017 को लिखी गई थी। आज पाँच वर्ष बाद जब पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम (Results of assembly elections of five …
Read More »मोदी-शाह युग का अंत हो चुका है !
क्या ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर असदुद्दीन ओवैसी होने जा रही हैं?
कांग्रेस को कमजोर कर भाजपा से कैसे लड़ेंगी ममता बनर्जी? How will Mamata Banerjee fight the BJP by weakening the Congress? कांग्रेस को कमजोर कर क्या देश में वैकल्पिक सियासत खड़ी हो सकती है?- यह सवाल अचानक महत्वपूर्ण हो गया है। अगर इसका जवाब ‘हां’ है तो ममता बनर्जी सही दिशा में कदम उठा रही हैं। और, अगर इसका जवाब …
Read More »बंगाल में अपना सब कुछ लुटा कर अब भी होश में नहीं आ रही माकपा
बंगाल में सीपीएम की लाचार स्थिति पूरे विषय की गहरी अन्वीक्षा की मांग करती है Arun Maheshwari on CPIM’s crisis ऐसा लगता है कि जैसे बंगाल में सीपीआई(एम) अपना सब कुछ लुटा कर अब होश में आने की तरह की अपनी एक करुण दशा का परिचय दे रही है। उसमें स्वाभाविक तौर पर एक आत्मालोचना का सिलसिला शुरू हुआ है। …
Read More »हिंदी, हिन्दू और हिंदुस्तान के नारे से हिंदी अब किसकी भाषा है? अपने गिरेबान में झाँककर देखें
हिंदी में कोलकाता, महाराष्ट्र, केरल, हैदराबाद जैसे गढ़ों में हिंदी में जीवन भर काम करने वाले लोगों को कोई पहचान नहीं मिलती। हिंदीभाषियों को भी नहीं। इसीलिए हिंदी पूंजी के खिलौने और हथियार में तब्दील है। हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान के नारे के बाद हिंदी अब किसकी भाषा है? 60 के दशक में हिंदी के चर्चित कवि और करीब 5 दशक …
Read More »पश्चिम बंगाल में मत्स्य न्याय का युग आ गया, आने वाले दिनों में एक नरक में बदल जाएगा बंगाल : जस्टिस काटजू
The era of Matsya Nyaya has come in West Bengal, Bengal will turn into hell in the coming days: Justice Katju पश्चिम बंगाल में मत्स्य न्याय का युग आ गया है हमारे प्राचीन चिंतकों ने मत्स्य न्याय की परिकल्पना (Matsya Nyaya in Hindi) की थी जिसका मतलब है जंगल राज जहां बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती हैI हमारे …
Read More »अदीदी निर्ममता और बंगाल को गुजरात बनाने के “आव्हान”
भेड़िये पश्चिम बंगाल को गुजरात बनाने निकल चुके हैं ममता के पुनराभिषेक की शुरुआत जमालपुर की वामपंथी महिला नेत्री काकोली खेत्रपाल (52 वर्ष) की बलि के साथ हुयी। महिला सशक्तीकरण की स्वयंभू बड़ी अम्मा ममता की टीएमसी के शूरवीरों ने इस अकेली महिला को मारकर जश्न मनाया। काकोली वर्दमान के नबग्राम में सीपीएम की पोलिंग एजेंट थी। (उनकी मृत देह …
Read More »बंगाल में हिंसा की नींव रखी है मोदी के प्रचार अभियान ने, हिंसा का गोमुख है मोदी गैंग और आरएसएस!
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बाद हिंसा | Violence after West Bengal assembly elections मोदी-अमित शाह सोनार बांग्ला बनाकर दिल्ली आ गए हैं। अब बंगाल नहीं जाएंगे, अब तक भाजपा के पांच कार्यकर्ताओं की गुंडों ने हत्या कर दी, जगह-जगह भाजपा के लोगों पर हमले हो रहे हैं। क्रमशः गुंडों की हिंसा बढ़ रही है। सवाल यह है अमित शाह-मोदी अपने …
Read More »क्या माकपा बंगाल के चुनावी संघर्ष में अवसादग्रस्त व्यक्ति की फ्रायडीय मृत्यु प्रेरणा के दुश्चक्र में फँस गई थी ?
क्या सीपीआई(एम) बंगाल के चुनावी संघर्ष में अवसादग्रस्त व्यक्ति की फ्रायडीय मृत्यु प्रेरणा (death instinct) के दुश्चक्र में फँस गई थी ? सीपीआई (एम) के अभी के छद्म सिद्धांतकारों ने पश्चिम बंगाल में अपना काम कर दिया है। राज्य में सीपीआई(एम) की संभावनाओं तक को जैसे हमेशा के लिए दफ़्न कर दिया है। सीपीआई(एम) के ये सिद्धांतकार एक लंबे अर्से …
Read More »डियर प्रशांत किशोर लड़ाई तो टीएमसी और वाम-कांग्रेस के बीच है
बंगाल में भाजपा के बारे में प्रशांत किशोर का आकलन अतिशयोक्तिपूर्ण लगता है Prashant Kishore’s assessment of BJP in Bengal seems exaggerated. भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha Elections) में बंगाल में 40 प्रतिशत मत मिले थे। वह 2016 के विधान सभा चुनाव में भाजपा के 10.2 प्रतिशत मतों से एक लंबी छलांग थी। लेकिन टीएमसी के …
Read More »जानिए क्या है चंडाल आंदोलन और मतुआ आंदोलन
Know what is the Chandal movement and the Matua movement नमोशूद्र बंगाल की अछूत जाति है, जिनके चंडाल आंदोलन की वजह से बंगाल में 1911 में ही ब्रिटिश हुकूमत ने अस्पृश्यता निषेध कानून पास कर दिया था। जिस वजह से बंगालियों में अस्पृश्यता खत्म हुई। कौन थे चंडाल आंदोलन के नेता | Who was the leader of the Chandal movement …
Read More »अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ चुहाड़ विद्रोह के नायक रघुनाथ महतो
चुआड़ विद्रोह का सही इतिहास | अंग्रेजों के खिलाफ पहला विद्रोह जब झारखंड के नायकों की अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ बगावत की चर्चा होती है, तो इस सूची में 1771 का तिलका मांझी से शुरु हुआ ‘हूल’, 1769 का रघुनाथ महतो के नेतृत्व में ‘चुहाड़ विद्रोह’ 1820-21 का पोटो हो के नेतृत्व में ‘हो विद्रोह’, 1831-32 में बुधु भगत, जोआ …
Read More »आज भी जयपाल सिंह मुंडा की प्रासंगिकता बरकरार है
आदिवासी नायकों की कड़ी में जयपाल सिंह मुंडा Jaipal Singh Munda history in Hindi जयपाल सिंह मुंडा को भारतीय जनजातियों और झारखंड अलग राज्य आंदोलन की पहली ईंट के तौर पर देखा जाता है। उन्हें मरङ गोमके के तौर पर जाना जाता है, अत: उनके नाम के आगे मरङ गोमके (बड़ा मलिक) लगाया जाता है। जयपाल सिंह मुंडा ने ईसाई …
Read More »कभी शेषनादेश ही होता था शासनादेश, शायद भूल गया चुनाव आयोग : विजय शंकर सिंह
नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमला (Mamta Banerjee attacked in Nandigram) हुआ या वह दुर्घटना में घायल हुई या यह कोई राजनीतिक ड्रामा था, इस पर सबकी अलग-अलग राय हो सकती है, पर चुनाव की घोषणा के बाद जब तक चुनाव परिणाम घोषित न हो जाएं, तब तक, राज्य की सारी प्रशासनिक मशीनरी चुनाव आयोग के अधीन रहती है और, …
Read More »‘टुंपा राजनीति’ और वाम : त्रिमुखी लड़ाई में बाहर हो रही भाजपा
Election meeting of Left-Congress-ASF at Kolkata’s huge brigade parade ground कल (28 फरवरी को) कोलकाता के विशाल ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वाम-कांग्रेस-एएसएफ की चुनावी सभा है। यह वाम-कांग्रेस के चुनावी रण में उतरने की दुंदुभी बजाने वाली सभा है। अभी के चुनावी समीकरण को देखते हुए मीडिया में भले ही तृणमूल और भाजपा के बीच लड़ाई के बात की जा …
Read More »बंगाल में भाजपा के आक्रमण को रोकना बंगाल के अस्तित्व की रक्षा की लड़ाई है, क्या वामपंथ इसे समझेगा ?
Stopping the BJP’s invasion of Bengal is a fight for the survival of Bengal, will the Left understand this? बंगाल, बंगालीपन और वामपंथ (2) भाजपा की आक्रामकता ने बंगाल की दुखती रगों को फिर एक बार छेड़ दिया है इसी 19 फरवरी को विश्वभारती विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह (Convocation of Visva-Bharati University) था, जिसमें प्रधानमंत्री ने आनलाईन अपना वक्तव्य रखा। …
Read More »बंगालियत और वामपंथ : क्या वामपंथ फिर ऐतिहासिक भूल करने जा रहा है ?
बंगालियत और वामपंथ : संदर्भ बंगाल चुनाव बंगाल का आगामी विधानसभा चुनाव (Upcoming assembly elections in Bengal) अब भी एक टेढ़ी खीर ही बना हुआ है। हमारी नजर में इसकी सबसे बड़ी वजह है — बंगाल और वामपंथ के साथ उसके संबंधों का सच। बंगाल का वामपंथ बांग्ला रैनेसांस की एक लंबी ऐतिहासिक प्रक्रिया के ऐतिहासिक उत्तरण की तरह है। …
Read More »सुनो ‘मोशा’! जो बिहार में न हो पाया वो बंगाल के चुनाव में होगा
बंगाल के चुनाव में बिहार का अधूरा काम पूरा होगा जो भी बिहार के चुनाव (Bihar elections) को मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण (Proof of Modi’s popularity) मानता है, वैसे, कवि कैलाश वाजपेयी के शब्दों में, “चुका हुआ / नंगे पत्थर के आगे झुका हुआ/ औरों के वास्ते विपदाएं मांगता / नाली में पानी रुका हुआ !” ‘ईश्वरभक्त’ को यदि …
Read More »बंगाल में 2021 की चुनावी लड़ाई तृणमूल, वाम-कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिपक्षीय लड़ाई होगी
बंगाल के चुनाव के संकेतों को पकड़ने का एक आधार The 2021 election battle in Bengal will be a trilateral battle between the Trinamool, the Left-Congress and the BJP. बंगाल में 2021 के चुनावी रण की बिसात पर वाम-कांग्रेस के गठजोड़ के साथ पहला बड़ा राजनीतिक कदम उठा लिया गया है। इन दोनों दलों ने चुनाव के अलावा अन्य संयुक्त …
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