बचपन से ही हम एक सूत्र सुनते आ रहे हैं, और वह है – “चिंता, चिता के समान है।“ अनावश्यक चिंता करेंगे तो तनाव बढ़ेगा, तनाव बढ़ेगा तो खान-पान अस्त-व्यस्त होगा, और शरीर में भिन्न-भिन्न बीमारियों को घर करने का मौका मिलेगा। आज हर डाक्टर हमें तनाव के विरुद्ध चेतावनी देता है और तनाव से बचने के लिए योग सहित …
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