Theater should be an advocate of equality, fraternity and peace! 27 मार्च, विश्व रंगमंच दिवस पर | March 27, on World Theater Day in Hindi समता,बंधुता और शांति का पैरोकार हो रंगमंच, पर ऐसा हो नहीं रहा। रंगमंच सत्ता के वर्चस्व का माध्यम भर रह गया है और रंगकर्मी उसकी कठपुतलियाँ जो रंगकर्म के मूल उद्गम के ख़िलाफ़ है। रंगकर्म …
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