भारत जैसे विकासशील देश में विकास कैसा हो? भारतवर्ष एक विकासशील देश है और जन-जन की इच्छा है कि हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में आ जाए। हर व्यक्ति विकास चाहता है और यह सही भी है, लेकिन विकास-विकास रटने के साथ हमें यह भी ध्यान रखने की आवश्यकता है कि विकास ऐसा हो जो स्थाई हो और लाभदायक …
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फ़्रांसिस फ़ुकुयामा के परिप्रेक्ष्य में ‘इतिहास का अंत’
‘End of history’ from Francis Fukuyama’s perspective यह भविष्यवादी चिंतकों का युग है। ये ऐसे विचारक हैं जो कभी भी कुछ भी कह सकते हैं। कभी भी अपनी धारणाओं को बगैर कोई कारण बताए बदल सकते हैं। किसी भी अवधारणा को मनमाने ढ़ंग अर्थ दे सकते हैं। समय, देष-काल, स्थान, उत्पादक शक्तियां, शोषक वर्ग, प्रतिरोध, समग्रता, ऐतिहासिकता आदि का इनके …
Read More »जानिए कैसे अच्छे दिनों में हर रोज कम से कम 519 लोग हो जाते हैं बेघर
अपना घर : आमजन की बुनियादी जरूरत परन्तु ग्रामीण भारत में कभी पूरा न होने वाला सपना आधी रात के समय बिहार के समस्तीपुर जिले की भागपुरा पंचायत के एक गांव चटोली के तालाब के पास कुछ पचास लोग बड़ी ही ब्याकुलता और चिंता के साथ चर्चा कर रहे थे। वह यहाँ इकट्ठे हुए थे अपने सर की छत जो …
Read More »जानिए बच्चों के विकास में परिवार की भूमिका
Know what is the role of family in the development of children? समाज की अनिवार्य इकाई कौन सी है? परिवार मानव समाज की क्या है? समाज की सबसे छोटी इकाई क्या है? | परिवार ही है समाज की पहली इकाई आने वाले समय में हमारे समाज की इस इकाई का क्या स्वरूप होगा कहा नहीं जा सकता, लेकिन किसी भी …
Read More »कॉर्पोरेटी हिंदुत्व लोकतांत्रिक भारत की हत्या कर रहा है
लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदला जा रहा है Corporate Hindutva is killing democratic India शैली स्मृति व्याख्यान में बोले संजय पराते Democracy is being turned into lathi-tantra भोपाल, 31 जुलाई 2021.“कार्पोरेटी हिंदुत्व लोकतांत्रिक भारत की हत्या कर रहा है। संवैधानिक मूल्यों को ध्वस्त किया जा रहा है। असहमति रखने वाले व्यक्तियों, संगठनों को फासीवादी औजारों से खामोश किया जा रहा …
Read More »सामाजिक न्याय और पर्यावरण के लिए जो हितकारी नहीं वह लक्षद्वीप का ‘विकास’ नहीं
The democratic right of the people of Lakshadweep to take decisions should also be protected. लखनऊ, (बॉबी रमाकांत – सीएनएस) केरल प्रदेश की विधान सभा ने प्रस्ताव पारित किया है कि जो लक्षद्वीप के नए प्रशासक हैं उन्हें केंद्र सरकार वापस बुलाये और द्वीप के लोगों के जीवन और आजीविका के अधिकारों की रक्षा करे. अनेक ऐसी आवाजें उठ रही …
Read More »इटावा महोत्सव में ‘चंबल पर्यटन’ जागरूकता कैंप का उद्घाटन, चंबल टूरिज्म का मोनोग्राम भी जारी
Inauguration of ‘Chambal Tourism’ awareness camp at Etawah Festival, the monogram of Chambal tourism also released – इटावा महोत्सव की विकास प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बना ‘चंबल पर्यटन‘ कैंप – इटावा सहित चम्बल की ऐतिहासिकता की जानकारी रोचक तरीके से दे रहा है चंबल फाउंडेशन इटावा। नुमाइश ग्राउंड के विकास प्रदर्शनी में चंबल फाउंडेशन द्वारा ‘चंबल पर्यटन’ जागरुकता प्रदर्शनी …
Read More »मोदी समावेशी विकास की बात और चर्चा क्यों नहीं करते हैं ?
समावेशी विकास, आर्थिक विकास और मानव संसाधन विकास का अंतर्संबंध Why does Modi not talk about inclusive development? जीवन, समाज, राष्ट्र और समूची दुनिया के लिए ‘विकास’ एक अत्यंत ही उपयोगी, महत्वपूर्णं एवं सार्थक शब्द है। विकास ही जीवन है, विकास ही प्रगति है, विकास ही उन्नति है, विकास ही उद्देश्य है, और विकास ही दुनिया का अंतिम लक्ष्य है। …
Read More »सरकार की प्राथमिकताएं कॉरपोरेट हित हैं, न कि जनहित या लोक कल्याण / विजय शंकर सिंह
The government’s priorities are corporate interests, not public interest or public welfare : Vijay Shankar Singh What is the economic policy of the government after 2014? सरकार की प्राथमिकताएं आखिर क्या हैं ? विकास हो रहा है तो जीडीपी क्यों गिर रही है। अर्थव्यवस्था में तमाम गिरावट के बाद पिछले छह सालों में केवल यही एक ‘उपलब्धि’ हुयी है कि …
Read More »कृषि पर महात्मा गांधी का कहा कोविड कालखण्ड में सिद्ध हो चुका
पालनहार होने के बावजूद उपेक्षित क्यों कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था? Why are agriculture and rural economy neglected despite being sustainable? भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावपूर्ण विशेषता (The most important and influential feature of the Indian economy) इसका कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था होना है। एक तरफ यह इसकी विशेषता एवं उपलब्धि है, तो दूसरी ओर यह एक बड़ी चिंता …
Read More »भारतीय विज्ञान के विकास में महिला वैज्ञानिकों का योगदान
The contribution of women scientists in the development of Indian science नई दिल्ली, 02 नवंबर : आज जीवन के हर उत्पादक क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भागीदारी है। विज्ञान के क्षेत्र में भी। आज अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर रसायन, भौतिकी, जैव प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, चिकित्सा, नैनो तकनीक, परमाणु अनुसंधान, पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और कृषि विज्ञान जैसे चुनौतीपूर्ण …
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