हो गया दूर जो साहिल तो खुदा याद आया !! ध्रुवीकरण, विभाजन और उन्माद ही भाजपा के अंतिम अस्त्र
उर्दू के शायर सदा नेवतनवी साहब का शेर है कि; “अब है तूफ़ान मुक़ाबिल तो ख़ुदा याद आया हो गया दूर जो साहिल तो खुदा याद आया !!” इन दिनों यह शेर पूरी तरह यदि किसी पर लागू होता है तो वे हैं नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा में – गिनती जहाँ पूरी हो जाती …