Hate and Violence – Changing Pattern : Dr Ram Puniyani’s Hindi Article हाल (अप्रैल 2022) में देश के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर जो कुछ हुआ वह अत्यंत चिंताजनक है. रामनवमी पर गुजरात के खंबात और हिम्मत नगर, मध्यप्रदेश के खरगौन, कर्नाटक के गुलबर्गा, रायचूर व कोलार, उत्तर प्रदेश के सीतापुर और गोवा के इस्लामपुरा में हिंसा …
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नफरत के खिलाफ विपक्ष एक साथ, चुप हैं मौन मोदी
देशबन्धु में संपादकीय आज (Editorial in Deshbandhu today) देश में सांप्रदायिक हिंसा पर संपादकीय | Editorial in Hindi on communal violence in the country क्या बदल चुकी हैं सरकार और विपक्ष की जिम्मेदारियां ? | Have the responsibilities of the government and the opposition changed? देश में पिछले आठ सालों में कई परंपराएं, नियम, कानून, मान्यताएं और मीडिया का चरित्र …
Read More »सांप्रदायिक ढलान पर लुढ़कते हुए संघ-भाजपा की फर्जी हिन्दू गढ़ने की कोशिश
Hindu hone ka matalab| हिन्दू होने का मतलब क्या विक्रमी संवत का नव-वर्ष हिंदू नव वर्ष है? विक्रमी संवत के नव-वर्ष के हिंदू नव वर्ष होने के दावे (The new year of Vikrami Samvat claims to be the Hindu New Year) के साथ, निजी तौर पर तो नहीं, पर सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की जैसी बाढ़ इस बार देखने …
Read More »कैराना से कथित पलायन : वोट की राजनीति, समाज को बांटकर वोट कबाड़ने की कवायद
सांप्रदायिक हिंसा कैसे फैलाई जा रही है? प्रो राम पुनियानी से बातचीत
साहित्य चर्चा : राजनीति की बिसात पर धर्म और समाज | प्रो राम पुनियानी से बातचीत | सांप्रदायिक हिंसा कैसे फैलाई जा रही है प्रो राम पुनियानी की नई किताब पर उनसे बातचीत Religious Nationalism: Social perceptions & violence. Talking with Prof Ram Puniyani on his new book Prof Ram Puniyani new book Ram Puniyani Books. Hastakshep देश विदेश की …
Read More »अराजकता बढ़ाते कानून और संरचनात्मक सांप्रदायिक हिंसा
Law chaos And structural communal violence सन 2020 पर एक नज़र भूमिका पिछले अनेक दशकों से भारत में सांप्रदायिक दंगे (Communal riots in India), सांप्रदायिक तनाव (Communal tension) और हिंसा का सबसे आम प्रकटीकरण रहे हैं. देश में अनेक भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए हैं जिनमें नेल्ली (1983), दिल्ली सिक्ख-विरोधी हिंसा (1984), भागलपुर (1989), बम्बई (1992), गुजरात (2002), कंधमाल (2008), मुज़फ्फरनगर …
Read More »यह ना संयोग है ना प्रयोग बल्कि एक प्रोजेक्ट है, पहले विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया गया और अब बस्तियां भी सुलग रही हैं
This is neither a coincidence nor an experiment but a project, universities were first targeted and now settlements are also burning यह ना संयोग है ना प्रयोग बल्कि एक प्रोजेक्ट है जिसे बहुत तेजी से पूरा किया जा रहा है. भारत को ‘हम’ और ‘वे’ में बांट देने का प्रोजेक्ट, जिसके लिये कई दशकों से प्रयास किया जा रहा था. …
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