सावरकर-विवाद : ताकि नवउपनिवेशवादी गुलामी बनी रहे!
भारत में जब तक सांप्रदायिक राजनीति रहेगी तब तक सावरकर भी रहेंगे. भाजपा नेता कहते हैं कि महाराष्ट्र सावरकर का है. तो क्या महाराष्ट्र साने गुरुजी का नहीं है? बाबा साहेब का नहीं है?
भारत में जब तक सांप्रदायिक राजनीति रहेगी तब तक सावरकर भी रहेंगे. भाजपा नेता कहते हैं कि महाराष्ट्र सावरकर का है. तो क्या महाराष्ट्र साने गुरुजी का नहीं है? बाबा साहेब का नहीं है?
Akhilesh Yadav on Jinnah: Communal Signaling in Contemporary Politics हमारे देश में जैसे-जैसे साम्प्रदायिकता का बोलबाला बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे राजनैतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सांप्रदायिक प्रतीकों और नायकों के इस्तेमाल का चलन भी बढ़ रहा है. अपने-अपने राजनैतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए विभिन्न राजनैतिक शक्तियां अलग-अलग व्यक्तित्वों का इस्तेमाल कर …
जिन्ना पर अखिलेश यादव की टिप्पणी : समकालीन राजनीति पर साम्प्रदायिकता की छाया Read More »
क्या यह गांधी की हार और सावरकर-जिन्ना की जीत है? Is it the defeat of Gandhi and the victory of Savarkar-Jinnah? लोकसभा के नागरिकता संशोधन विधेयक पर मोहर लगाने पर प्रधानमंत्री के ‘खुशी’ जताने (Expressing ‘happiness’ of Prime Minister on passage of Citizenship Amendment Bill in Lok Sabha) पर बरबस, पाकिस्तानी कवियित्री फहमिदा रियाज की …