Political face of a cultural organization: Vijay Shankar Singh यूपी चुनाव 2022 : बीजेपी के लिये पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में उतरा आरएसएस यूपी चुनाव 2022 के चरण जैसे जैसे आगे बढ़ रहे हैं, सत्तारूढ़ दल भाजपा में अपनी सरकार को लेकर चिंता का माहौल बनने लगा है। अब तक के तीनों चरण, जैसी खबरें और चुनाव विश्लेषक, उनका …
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नेताजी सुभाष और सन् 1942 में सावरकर और डॉ मुखर्जी की भूमिका : विजय शंकर सिंह
Netaji Subhas Chandra Bose and the role of Savarkar and Dr. Mukherjee in 1942 : Vijay Shankar Singh पिछले साल कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose’s 125th Birth Anniversary) मनाई जो रही थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समारोह के मुख्य अतिथि थे। बंगाल ने यूँ तो देश को अनेक रत्न दिए हैं, …
Read More »डॉ राम मनोहर लोहिया और वर्तमान किसान आंदोलन
Dr. Ram Manohar Lohia and the current farmers’ movement : Vijay Shankar Singh यदि आज डॉ लोहिया जीवित होते? कल्पना कीजिए, यदि आज डॉ लोहिया जीवित रहते तो, साल भर से हो रहे किसान आंदोलन में, उनकी क्या भूमिका रहती। लोहिया को जानने वाले और उस कुजात गांधीवादी के लेखों, भाषणों का अध्ययन करने वाले एकमत से यही कहते कि, …
Read More »आरएसएस ने किसी भी स्वाधीनता संग्राम में भाग नहीं लिया, यही है नेहरू से चिढ़ का कारण
स्वाधीनता का सरकारी अमृत महोत्सव औऱ आधुनिक भारत के निर्माता पं. नेहरू का बहिष्कार Government’s Amrit Festival of Independence and boycott of Pt. Nehru, the architect of modern India – Vijay Shankar Singh सरकार चाहती है कि, नेहरू और सावरकर बराबर चर्चा में बने रहें। लोग यह याद करते रहें कि नेहरू के ही सभापतित्व में पूर्ण आज़ादी का प्रस्ताव …
Read More »भारत छोड़ो आंदोलन और गांधीजी का यादगार भाषण
Quit India Movement and Gandhiji’s memorable speech 1920 से 48 तक का कालखंड, भारतीय इतिहास में गांधी युग के नाम से जाना जाता है। अगर कोई एक वाक्य में गांधी की स्वाधीनता संग्राम में योगदान के बारे में पूछे तो, उसका उत्तर होगा, एक तो, गांधी ने जनता के मन से अपने समय की सबसे बड़ी ताकत का भय निकाल दिया …
Read More »स्वाधीनता संग्राम में कहीं नहीं थे आरएसएस और मुस्लिम लीग
RSS and Freedom Movement: Glossing Over the Non Participation RSS‘s participation in freedom struggle | आरएसएस की स्वाधीनता संग्राम में हिस्सेदारी हमारे देश के सत्ताधारी दल भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के स्वाधीनता संग्राम में कोई हिस्सेदारी न करने पर चर्चा होती रही है. पिछले कुछ वर्षों में संघ की ताकत में आशातीत वृद्धि हुई है और इसके साथ ही …
Read More »जयशंकर प्रसाद, भूमंडलीकरण और राष्ट्रवाद
Jaishankar Prasad, Globalization and Nationalism समय – फ्रांसिस फुकुयामा ने´इतिहास का अंत´ की जब बात कही थी तो उन्होंने ´एंड ऑफ दि स्पेस´ की बात कही थी, लेकिन हिंदी आलोचकों ने उसे गलत अर्थ में व्याख्यायित किया। सवाल यह है भूमंडलीकरण के कारण सारी दुनिया में ´स्पेस´का अंत हुआ या नहीं ॽ यही वह परिदृश्य है जिसमें आप भूमंडलीकरण को …
Read More »हिन्दी में डॉ. राम पुनियानी का लेख : गोलवलकर और हमारा सत्ताधारी दल
Dr Ram Puniyani’s article in Hindi: Golwalkar and our ruling party भारत के वर्तमान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party -भाजपा) के नेता भले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष-बहुवादी और संघात्मक संविधान के नाम पर शपथ लेते हों परन्तु सच यह है कि यह पार्टी देश को आरएसएस के एजेंडे (RSS agenda) में निर्धारित दिशा में ले जा रही है. …
Read More »जानिए सेडिशन धारा 124A के बारे में सब कुछ, जिसका सबसे अधिक दुरुपयोग अंग्रेजों ने किया और अब भाजपा सरकार कर रही
सेडिशन धारा 124A, राजद्रोह कानून और उसकी प्रासंगिकता | Sedition section 124A, sedition law and its relevance भारत में राजद्रोह कानून की व्याख्या सेडिशन, धारा 124A (124a ipc in hindi) के अनेक मुकदमों में सबसे ताज़ा और विवादास्पद मुकदमा दिशा रवि का है, जिन्हें किसान आंदोलन 2020 (Peasant movement 2020) के समर्थन में, एक टूलकिट को संपादित और सोशल मीडिया …
Read More »उन्हें ‘जन गण मन’ से परहेज है, उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से टैगोर को हटाने की सिफारिश की, वे टैगोर को पूज रहे !
रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) : मानवतावाद और राष्ट्रवाद पश्चिम बंगाल में चुनाव (Elections in West Bengal) नजदीक हैं। भाजपा ने बंगाल के नायकों को अपना बताने की कवायद शुरू कर दी है। जहां तक भाजपा की विचारधारा का प्रश्न है, बंगाल के केवल एक नेता, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, इस पार्टी के अपने हैं। वे भाजपा के पूर्व अवतार जनसंघ के संस्थापक …
Read More »नागरिक अधिकारों का समर्थन किसी देश का आंतरिक मामला नहीं
Support of civil rights should not be considered as an internal matter of a country – Vijay Shankar Singh जन सरोकारों, नागरिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों, और सम्मान से जीने के अधिकारों को किसी राज्य या देश की सीमा में बांट कर नहीं रखा जा सकता है। आज किसान आंदोलन (Farmers Protest) भी सम्मान पूर्वक जीने और अपनी कृषि संस्कृति को …
Read More »अब नेताजी पर कब्ज़ा ज़माने की विफल हिन्दू राष्ट्रवादी कवायद – डॉ. राम पुनियानी का लेख
Now Hindu nationalist exercise failed to capture Netaji – article by Dr. Ram Puniyani नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती- 125th birth anniversary of Netaji Subhash Chandra Bose (23 जनवरी) के अवसर पर देश भर में अनेक आयोजन हुए. राष्ट्रपति भवन में उनके तैल चित्र का अनावरण किया गया. केंद्र सरकार ने घोषणा की कि नेताजी का जन्मदिन हर …
Read More »नेताजी सुभाष चंद्र बोस : पहले कांग्रेस अध्यक्ष, जिन्होंने कांग्रेस के सदस्यों को हिन्दू महासभा या मुस्लिम लीग के सदस्य होने पर रोक लगाई
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती और 1942 में सावरकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमिका : विजय शंकर सिंह कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती (125th birth anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose in Kolkata) मनाई गयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समारोह के मुख्य अतिथि थे। बंगाल ने यूँ तो देश को अनेक रत्न …
Read More »खान अब्दुल गफ्फार खान : मुसलमान रहे हैं साँझा राष्ट्रवाद के हामी
Khan Abdul Gaffar Khan: Muslims for Composite Indian Nationalism हाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद के खान अब्दुल गफ्फार खान अस्पताल का नाम बदल कर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर (Khan Abdul Ghaffar Khan Hospital in Faridabad to Atal Bihari Vajpayee Hospital) रखने …
Read More »देशभक्ति, धर्म और संघी सोच : डॉ. राम पुनियानी का लेख
Dr Ram Puniyani‘s article in Hindi: Patriotism, Religion and Sanghi thinking पिछले कुछ वर्षों से ‘देशद्रोही‘ शब्द का काफी इस्तेमाल हो रहा है. देशद्रोही की परिभाषा (Definition of traitor in Hindi) बहुत स्पष्ट और सीधी-साधी है. जो भी आरएसएस या उसके कुनबे का आलोचक है, वह देशद्रोही है. आरएसएस हिन्दू राष्ट्रवाद की विचारधारा का स्रोत है और जैसे-जैसे वह ताकतवर …
Read More »आजाद हिन्द फौज : जब गांधी जी ने सहगल ढिल्लन शाहनवाज से पूछा था “तुम तीनों में से ब्रह्मा, विष्णु महेश कौन-कौन है”
आजाद हिन्द फौज : लाल किले से आयी आवाज़, सहगल ढिल्लन शाहनवाज ! भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज की भूमिका | Role of Azad Hind Fauj in India’s freedom struggle आजाद हिन्द फौज के ट्रायल के आज पचहत्तर साल पूरे हो रहे हैं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज की भूमिका अहम रही है। नेताजी …
Read More »सरकार की प्राथमिकताएं कॉरपोरेट हित हैं, न कि जनहित या लोक कल्याण / विजय शंकर सिंह
The government’s priorities are corporate interests, not public interest or public welfare : Vijay Shankar Singh What is the economic policy of the government after 2014? सरकार की प्राथमिकताएं आखिर क्या हैं ? विकास हो रहा है तो जीडीपी क्यों गिर रही है। अर्थव्यवस्था में तमाम गिरावट के बाद पिछले छह सालों में केवल यही एक ‘उपलब्धि’ हुयी है कि …
Read More »अमित शाह जी टैगोर का राष्ट्रवाद, आरएसएस का राष्ट्रवाद नहीं है !
Amit Shah ji Tagore’s nationalism is not RSS’s nationalism!! – Vijay Shankar Singh अगले साल बंगाल में चुनाव हैं। वहां राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी बंगाल के नियमित दौरे पर हैं। अपने एक दौरे में अमित शाह ने कहा कि वे रवीन्द्रनाथ टैगोर के सपनों का बंगाल बनाना चाहते हैं। …
Read More »जानिए नये कृषि कानून में शर्मनाक जमाखोरी को क्यों वैध बनाया गया है ?
Know why hoarding has been legalized under the new agricultural law? : Vijay Shankar Singh 8 दिसंबर, को किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया था। बंद सफल रहा। सबसे उल्लेखनीय बात थी कि, इस बंद में देश मे कहीं से भी हिंसा के समाचार नहीं मिले। लंबे समय के बाद, देश में …
Read More »पगड़ी संभाल जट्टा : सन 1907 का किसान आंदोलन, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं, तब भी विरोध तीन किसान विरोधी कानूनों का था
तब भी विरोध तीन किसान विरोधी कानूनों का था। यह अलग बात है कि वे आज के तीन कृषि कानूनों की तरह नहीं थे। पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन क्या है? ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ की शुरुआत कैसे हुई ? मौजूदा किसान आंदोलन इससे किस प्रकार जुड़ा हुआ है? किसान आंदोलन का 100 साल पुराने पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन से क्या रिश्ता …
Read More »क्या बदलाव की एक नयी इबारत लिख पायेगा किसानों का यह आंदोलन ?
Will this movement of farmers be able to write a new chapter of change? 2014 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रबल झंझावात के बल पर भाजपा/ एनडीए की सरकार बनी थी। उम्मीदें भी थीं, और गुजरात मॉडल का मायाजाल भी। नरेंद्र मोदी की क्षमता पर ज़रूरत से ज्यादा लोगों को भरोसा भी था। कांग्रेस का दस वर्षीय कार्यकाल खत्म हो …
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