निगम-भारत उर्फ़ हिंदू-राष्ट्र को समर्पित टीम-इंडिया!
गांधी के चित्र की जगह भारतीय मुद्रा पर अम्बानी-अडानी के चित्र छापने की मांग? जैसे नरेंद्र मोदी का गोदी मीडिया है, उसी तरह नरेंद्र मोदी का विरोधी मीडिया केजरीवाल की गोदी में बैठा हुआ है.
गांधी के चित्र की जगह भारतीय मुद्रा पर अम्बानी-अडानी के चित्र छापने की मांग? जैसे नरेंद्र मोदी का गोदी मीडिया है, उसी तरह नरेंद्र मोदी का विरोधी मीडिया केजरीवाल की गोदी में बैठा हुआ है.
सांप्रदायिकता की बाढ़ में बह रहा है समाज करीब पिछले तीन-चार दशकों से भारत सांप्रदायिकता की रंगभूमि (amphitheater of communalism) बना हुआ था। इस दौरान संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता का मूल्य (value of constitutional secularism) राजनीतिक सत्ता के गलियारों में इधर से उधर ठोकरें खाने के लिए अभिशप्त हो चुका था। 20वीं सदी के अस्सी और नब्बे …
सांप्रदायिकता की बाढ़ : तो क्या भारतीय संविधान और राष्ट्र बह जाएंगे? Read More »
आज आर के लक्ष्मण जिंदा होते, तो जरूर ‘वॉलंटरी रिटायरमेंट’ लेते (Had RK Laxman been alive today, he would have taken ‘voluntary retirement’) रवीन्द्र रुक्मिणी पंढरीनाथ सेवा में, आदरणीय मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य महोदय, एक सच्चे हिन्दू के नाते आप से एक अनुरोध कर रहा हूँ। आशा है, आप भी उसी भावना से उस का सम्मान …
तुम तो बिलकुल हम जैसे निकले … जिन बातों पर हंसी आती थी, उन पर रोना आ रहा है Read More »
संविधान की आत्मा हैं समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द Why does the RSS have problems with the words socialism and secularism? उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश में तीन जनवरी को संविधान में किए गए बयालीसवें संशोधन- 42nd amendment made in the constitution (जिसमें संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्दों को जोड़ा गया था) …
समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द से संघ को दिक्कत क्यों है? Read More »
Seeing mass movements through the prism of religion is suicidal अब एक नया तर्क गढ़ा जा रहा है कि इन किसानों को भड़काया जा रहा है। यह भड़काने का काम कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस एक विपक्षी दल है और इन कृषि कानूनों को चूंकि सरकार जो भाजपा की है, पारित किया है, तो यह …