कह रहा है मन चलो आज कोई गीत लिख दूं। मेरे मन की हार में ही है तुम्हारी जीत लिख दूं।। यह मुझे स्वीकार है तुम बस गये मेरी नजर में, बनके हमराही मिले हो जिन्दगी के इक सफर में, कृष्ण तुम हो मैं निभाऊं राधिका सी प्रीत लिख दूं मेरे मन की हार में ही है तुम्हारी जीत …
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