मुस्तफाबाद का ईदगाह (Idgah of Mustafabad) वही जगह है, जहां 25 तारीख की शाम तक बहुत सी महिलाएं और पुरुष अपने परिवार के साथ जान बचाकर भाग यहां पनाह लेने आए थे, आज उन्हें पन्द्रह दिन से ज्यादा हो गए लेकिन वहां जिन्दगी आज भी बिखरी हुई है, वहां रह रहे लोगो को रोज-रोज की जरूरतों के लिए अपना नाम …
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