Why did Morari Bapu and Sadhvi Chitralekha become victims of criticism? यह अजीब विरोधाभास है कि धर्म का असल मकसद आदमी को जिस मंजिल तक पहुंचाना है, उस पर पहुंचने के बाद उसी धर्म के लोग विरोध में खड़े हो जाते हैं। प्रसिद्ध कथावाचक मुरारी बापू व साध्वी चित्रलेखा इसके साक्षात व ताजातरीन उदाहरण हैं। बेशक आज वे जिस मानसिक …
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