Some people in history are tragedies in themselves तुम झोला उठा ही लो। तुमसे न बीमारी रुक रही है न देश चल रहा है। मजदूरों की अंतहीन कतारें और उनकी चीत्कारें तुम्हारे असमर्थ और अदूरदर्शी होने का प्रमाणपत्र बांटती हुई बढ़ी चली जा रही हैं। कुछ को राशन की किटों पर ही घरों में कैद किया है तो कुछ को …
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