Why so much opposition to new agricultural laws? Brahmin of Kashi explained तीनों नए कृषि कानूनों का विश्लेषण नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को 56 दिन हो गए, उत्तरोत्तर यह आंदोलन कमजोर होने के बजाय पूरे देश में बढ़ता जा रहा है, आखिर क्यों इन नए कृषि कानूनों इतना विरोध हो रहा है। दो डिग्री से भी …
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संभव है उद्यम से उन्नति, जानिए कैसे
Sambhav Hai Udyam Se Unnati: motivational article in Hindi जब मैं इकनॉमिक टाइम्स (Economic Times), बिजनेस स्टैंडर्ड या योर स्टोरी में पढ़ता हूं कि फलां-फलां स्टार्ट-अप कंपनी (start-up company) को 20 करोड़ की सीड फंडिंग मिल गई या फंडिंग के दूसरे राउंड में फलां-फलां कंपनी ने लाखों डालर की धनराशि प्राप्त की है तो मुझे बहुत खुशी होती है। अक्सर …
Read More »राहुल ने मोदी- नड्डा को जमकर धोया, कहा मैं अपने देश की रक्षा करता हूं और यह काम मैं करता रहूंगा
पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी की साल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, जेपी नड्डा कौन हैं? क्या मेरे प्रोफेसर हैं : राहुल गांधी Rahul Gandhi’s first press conference of the year at party headquarters नई दिल्ली, 19 जनवरी। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के यह आरोप लगाने की निंदा की कि वह किसानों को …
Read More »तो मितरों के लाभ के लिए बिना उचित विचार विमर्श के ही यह कृषि कानून बना दिए गए ?
Were these agricultural laws made without proper discussion? : Vijay Shankar Singh कृषि कानूनों में संवैधानिक अंतर्विरोध जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है और छन-छनकर नई सूचनाएं आ रही हैं, उनसे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि तीनों नए कृषि कानून बिना उचित विचार विमर्श के ही बना दिए गए। एक वेबसाइट में प्रकाशित आरटीआई के उत्तर से प्राप्त …
Read More »सुधार कृषि के नाम पर और लाभ अडानी ग्रुप को !
तीनों किसान कानूनों को वापस लेने में सरकार के सामने सबसे बड़ा धर्मसंकट है अडानी ग्रुप द्वारा कृषि सेक्टर में भारी भरकम निवेश (Adani Group invests heavily in agricultural sector) और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी (Very close to Prime Minister Narendra Modi) होना। आज भाजपा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी का एक ट्वीट दिखा, जिंसमें वे कहते हैं …
Read More »इन कृषि कानूनों पर क्या कैबिनेट में भी पर्याप्त विचार विमर्श हुआ था ?
Was there enough discussion on these agricultural laws in the cabinet too? – Vijay Shankar Singh अब जब नौ दौर की बातचीत के बाद भी वार्ताकार मंत्रीगण, किसानों को यह नहीं समझा पा रहे हैं कि यह कानून कैसे किसानों के हित में बना है, तो इससे यह बात भी स्पष्ट होती है कि, या तो मंत्रीगण खुद ही यह …
Read More »181 वूमेन हेल्पलाइन को बंद करने पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जबाब
वर्कर्स फ्रंट की याचिका पर हुआ फैसला High court seeks reply from UP government on the closure of 181 women’s helpline Workers Front’s petition was decided लखनऊ 13 जनवरी 2021, प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा और हमलों की परिस्थितियों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिछले चार वर्षो से चलाए जा रहे 181 वूमेन हेल्पलाइन कार्यक्रम को सरकार …
Read More »गणतंत्र दिवस मनाने से रोकने की याचिका अपने आप में ही, लोकतंत्र विरोधी है
सरकार, किसान और गणतंत्र दिवस समारोह Government, Farmers and Republic Day Celebrations / Vijay Shankar Singh आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का पर्व है। उस दिन तीन कृषि बिलों के विरोध में आंदोलनरत किसानों (Farmers agitating against three agricultural bills) ने तिरंगा फहराने और ट्रेक्टर रैली निकालने का निश्चय किया है। पर सरकार ने बजरिये अटॉर्नी जनरल (Attorney General) …
Read More »सर्वोच्च न्यायालय कानूनों की संवैधानिकता के बजाय सरकार की असहजता के प्रति अधिक चिंतित है, न्यायपालिका के लिये दुःखद है यह स्थिति
The Supreme Court is more concerned about the discomfort of the government than the constitutionality of the laws, this situation is sad for the judiciary. अवकाशप्राप्त वरिष्ठ आईपीएस अफसर विजय शंकर सिंह का लेख यह एक नया ट्रेंड चला है कि जब-जब सरकार निर्विकल्प होने और संकट में धंसने लगती है तो वह सर्वोच्च न्यायालय की ओर देखने लगती है। …
Read More »कृषि कानूनों पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी सरकार की अक्षमता का प्रतीक
कृषि कानूनों पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का विश्लेषण (Supreme Court’s comment on agricultural laws) करते हुए इस लेख में अवकाशप्राप्त वरिष्ठ आईपीएस अफसर विजय शंकर सिंह (Vijay Shankar Singh) विश्लेषण कर रहे हैं कि किस तरह सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी सरकार की अक्षमता का प्रतीक (inefficiency of government) है और किस तरह ये सरकार नीतिगत विकलांगता का शिकार है।… …
Read More »नवउदारवादी/वित्त पूंजीवादी व्यवस्था के घोड़े की गर्दन पर किसानों की गिरफ्त!
Peasants’ neo-liberal / finance capitalist gripped on horse neck! प्रत्येक व्यवस्था की अपनी अन्तर्निहित गतिकी (डाइनामिक्स) होती है, जिसके सहारे वह अपना बचाव और मजबूती करते हुए आगे बढ़ती है। भारत में निजीकरण-निगमीकरण (Privatization-corporatisation in india) के ज़रिये आगे बढ़ने वाली नवउदारवादी/ वित्त पूंजीवादी व्यवस्था, जिसे नव-साम्राज्यवाद की परिघटना (The phenomenon of neo-imperialism) से जोड़ा जाता है, भी इसका अपवाद …
Read More »आखिर सरकार कॉर्पोरेट को एमएसपी पर फसल खरीद के लिये कानूनन बाध्य क्यों नहीं कर सकती है ?
Why can’t the government legally force the corporate to buy crops on MSP? – Vijay Shankar Singh जब सरकार एमएसपी पर फसल खरीद सकती है तो निजी क्षेत्रों को एमएसपी पर फसल खरीद करने के लिये कानूनन बाध्य क्यों नही कर सकती ? आखिर सरकार की मंशा और मजबूरी क्या है ? विश्लेषण कर रहे हैं अवकाशप्राप्त वरिष्ठ आईपीएस अफसर …
Read More »जानिए यह कृषि कानून किसके हित में है ?
Know who is in the interest of this agricultural law? : Vijay Shankar Singh यह कृषि कानून किसके हित में है, सरकार के, कॉरपोरेट के, कंपनियों के या किसानों के या फिर यह दोनों कॉरपोरेट, अपने विरुद्ध प्रतिकूल वातावरण बनते देख कर अब यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनसे इन सब कृषि कानूनों से कोई लेना देना …
Read More »किसान आंदोलन : 40 दिन 60 मौतें, और सरकार में सन्नाटा
Kisan agitation: 40 days 60 deaths, and silence in government – Vijay Shankar Singh किसान आंदोलन : सरकारें इतनी अहंकारी क्यों हो जाती हैं दुनियाभर के जन संघर्षों की कथा (Story of mass struggles around the world) पढ़ते-पढ़ते अक्सर यह सवाल मन मे कौंध जाता है कि आखिर सरकारें इतनी ठस और अहंकारी क्यों हो जाती हैं और कैसे जनता …
Read More »खेती किसानी नहीं, देश की जनता खतरे में है… भक्त अवश्य सुनें
देश की खाद्यान्न सुरक्षा खतरे में है किसान सभा, एपीएमसी एक्ट, एमएसपी क्या है, नए कृषि कानून, किसान आंदोलन, खेती किसानी खतरे में नहीं है, देश की जनता खतरे में है किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने सरल भाषा में समझाया किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं, एपीएमसी एक्ट क्या है, खेती-किसानी की समस्याएं क्या हैं ? क्या …
Read More »सरकार की प्राथमिकताएं कॉरपोरेट हित हैं, न कि जनहित या लोक कल्याण / विजय शंकर सिंह
The government’s priorities are corporate interests, not public interest or public welfare : Vijay Shankar Singh What is the economic policy of the government after 2014? सरकार की प्राथमिकताएं आखिर क्या हैं ? विकास हो रहा है तो जीडीपी क्यों गिर रही है। अर्थव्यवस्था में तमाम गिरावट के बाद पिछले छह सालों में केवल यही एक ‘उपलब्धि’ हुयी है कि …
Read More »सत्याग्रह से सत्याग्रह तक : 2020 की तीन तस्वीरें
From Satyagraha to Satyagraha: Three pictures of 2020 Happy New Year 2021 गुजरे साल, 2020 की विरासत (Legacy of 2020) को बहुत हद तक सिर्फ तीन छवियों में पकड़ा जा सकता है। इनमें पहली छवि तो, जिससे यह साल शुरू हुआ था, शाहीन बाग (Shaheen bagh) में दिन-रात के धरने पर बैठी, महिलाओं की ही थी। नागरिकता संशोधन कानून- Citizenship …
Read More »पुराना साल खत्म, नया साल शुरू हो गया, किसानों का समर अभी शेष है
The old year is over, the new year has started, the struggle of the farmers is yet to go / Vijay Shankar Singh पुराना साल खत्म, नया साल शुरू हो गया है, परन्तु किसान आंदोलन जारी है। लोग समझना चाहते हैं कि सरकार तीनों कानून वापिस लेना क्यों नहीं चाहती और नया साल किस तरह से शुरूआत से ही नए …
Read More »सौ से अधिक पूर्व आईएएस, आईपीएस, आईएफएस का योगी को पत्र, अंतर-धार्मिक विवाह संबंधी अध्यादेश को वापस लिया जाए
A group of former civil servants has written an open letter to the Chief Minister of Uttar Pradesh demanding the withdrawal of the ordinance on interfaith marriage नई दिल्ली, 29 दिसंबर 2020. सौ से अधिक भूतपूर्व सिविल सेवकों, जिनमें कई सचिव स्तर के अवकाशप्राप्त अधिकारी हैं, ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक खत लिखकर मांग की है …
Read More »मोदीजी ! क्या 29 दिसंबर की सरकार-किसान वार्ता, तथ्य और तर्क पर हो पाएगी ?
Will the government-farmer talks of December 29 be held on facts and logic? – Vijay Shankar Singh 30 दिन के शांतिपूर्ण धरने और लगभग 35 किसानों की अकाल मृत्यु के बाद, सरकार ने किसानों से बातचीत शुरू करने के लिये किसानों को ही बातचीत का एजेंडा सुझाने के लिये एक पत्र लिखा इसके पहले सरकार के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल …
Read More »किसान आंदोलन के समर्थन में मालवा-निमाड़ में ट्रैक्टर-ट्रॉली यात्रा
Tractor-trolley trip in Malwa-Nimar in support of farmer movement इंदौर, 26 दिसंबर : 21-22 दिसम्बर 2020 अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयक समिति, संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में दो दिवसीय ट्रेक्टर ट्राली यात्रा निकाली गई। मेधा पाटकर के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल के गाँवों के किसानों के अलावा महाराष्ट्र के किसान और …
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