Idgah Relief Camp of Delhi Government is also a pasture for social workers ‘‘क्या तुम लोगों का नाम मोबाईल में रजिस्टर्ड हो गया ? नहीं हुआ तो जान लेना आज शाम से यहां नहीं रह पाओगे।’’ लोगों को दर्द व जुल्म के मंजर को सुनते हुए भीगती आंखों और शून्य हो रहे दिमाग ने तारतम्य को भंग कर दिया। सिर …
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