नई दिल्ली, 20 अगस्त 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल के साहित्यिक कलरव अनुभाग (Sahityik Kalrav section of hastakshep.com ‘s YouTube channel) में इस
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हस्तक्षेप साहित्यिक कलरव में इस रविवार राजेश शर्मा
नई दिल्ली, 06 अगस्त 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल के साहित्य अनुभाग साहित्यिक कलरव में इस रविवार चंबल के लाल राजेश शर्मा का
जो रिश्ता दर्द देता है मिसालों में वो रह जाता | Mamta Kiran | ममता किरण
जो रिश्ता दर्द देता है मिसालों में वो रह जाता | Mamta Kiran | ममता किरण जड़ें मजबूत होतीं तो शजर आंधी भी सह जाता/ बनाते
हस्तक्षेप साहित्यिक कलरव में इस बार ममता किरण का, “जो रिश्ता दर्द देता है मिसालों में वो रह जाता”
जड़ें मजबूत होतीं तो शजर आंधी भी सह जाता/ बनाते हम अगर मजबूत पुल तो कैसे ढह जाता / ज़रा सी धूप मिल जाती तो ये सीलन
हस्तक्षेप साहित्यिक कलरव में इस रविवार तपेन्द्र प्रसाद शाक्य के “पैर के छाले सच्चे हैं”, बाकी सब झूठे हैं
सब झूठे हैं, पैर के छाले सच्चे हैं नई दिल्ली, 24 जुलाई 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल के साहित्यिक कलरव अनुभाग (Literary section
रोज महाभारत कथा रोज मृत्यु संगीत/ काल भैरवी नाचती समय सुनाता गीत : डॉ. भारतेंदु मिश्र
“रोटियों सी गोल है दुनिया/और हम मजदूर होते हैं।” नई दिल्ली 16 जुलाई 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल के साहित्य अनुभाग साहित्यिक कलरव
हस्तक्षेप साहित्यिक कलरव में इस रविवार डॉ. सीता सागर का “एक मन कितना अकेला है”
नई दिल्ली, 09 जुलाई 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल के साहित्य अनुभाग साहित्यिक कलरव में इस रविवार सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सीता सागर का
इस रविवार “हमने तो बस्ती बोई थी, जंगल कैसे उग आया” बताएंगे लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
चराग़ों से कहो महफूज़ रखें अपनी-अपनी लौ उलझना है उन्हें कुछ सरफिरी पागल हवाओं से नई दिल्ली, 01 जुलाई 2020. हस्तक्षेप डॉट कॉम के यूट्यूब
हस्तक्षेप.कॉम ‘साहित्यिक कलरव‘ में इस रविवार सुरेन्द्र शर्मा का “आँसुओं का मोल मिल पाता…”
नई दिल्ली, 18 जून 2020. हस्तक्षेप.कॉम के यूट्यूब चैनल पर ‘साहित्यिक कलरव‘ के अगले एपिसोड में इस रविवार सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा का काव्य
हस्तक्षेप.कॉम ‘साहित्यिक कलरव’ में इस रविवार सुप्रसिद्ध नवगीतकार डॉ. सुभाष वसिष्ठ के “शब्द चुप हैं”
नई दिल्ली, 13 जून 2020. हस्तक्षेप.कॉम ‘साहित्यिक कलरव‘ की पृथक् शैली की शुभ-यात्रा देश के जाने-माने नवगीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी के गीत के माध्यम