चल पड़े हैं लेकिन मंजिल बहुत दूर है........ किसी के मन में नहीं है दर्द? श्रमिकों की न कदर, न सम्मान, नहीं श्रम की सही कीमत!

चल पड़े हैं लेकिन मंजिल बहुत दूर है........ किसी के मन में नहीं है दर्द…

चल पड़े हैं लेकिन मंजिल बहुत दूर है........ किसी के मन में नहीं है दर्द? श्रमिकों की न कदर, न सम्मान, नहीं श्रम की सही कीमत!