Advertisment

Jacques Lacan's comment about Marxism

यह जो चित्त का जगत है, विचारों और भावों के मूर्तन का जगत, एक बेहद जटिल जगत है

यह जो चित्त का जगत है, विचारों और भावों के मूर्तन का जगत, एक बेहद जटिल जगत है

यह जो चित्त का जगत है, विचारों और भावों के मूर्तन का जगत, एक बेहद जटिल जगत है
Advertisment
सदस्यता लें