Advertisment

रवींद्रनाथ टैगोर

मार्क्स-हेगेल के परे जाओगे तो रवीन्द्रनाथ टैगोर को पाओगे
टैगोर ने जिन नए परिवर्तनों को जन्म दिया वे परिवर्तन किस तरह के थे ॽ उस जमाने में बुर्जुआ संस्कृति भयाक्रांत थी। भविष्य के भय से त्रस्त थी। इसके कारण बुर्जुआ संस्कृति में अपंग भाव था।
Advertisment
सदस्यता लें