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नई दिल्ली, 22 जनवरी 2020. जैसे-जैसे दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Delhi) की सरगर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से दिल्लीवासियों की प्रमुख मांग के रूप में प्रदूषण से निजात पाना सार्वजनिक एजेंडे में उच्च स्थान पर है।
दिल्ली के रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस की शीर्ष निकाय यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन (URJA) जिसने पिछले महीने पीपुल्स ग्रीन मेनिफेस्टो 2020 (People's Green Manifesto 2020) जारी किया था, ने अब #देल्हीअगेंस्टपॉल्यूशन (#DelhiAgainstPollution) की मांग करते हुए अपनी मांग के समर्थन में बीते दो हफ्तों में शहर भर से दस हजार से अधिक हस्ताक्षर एकत्र किए हैं। यह पहली बार है, जब दिल्ली चुनावों में प्रदूषण इतनी प्रमुखता से नागरिकों की मांग में शामिल हुआ है।
इस नागरिक घोषणापत्र में अपनी 10 मांगों के लिए समाधान, रोडमैप और समयबद्ध लक्ष्य सुझाए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं - सामूहिक रूप से वायु, जल और ठोस अपशिष्ट प्रदूषण से निपटना, सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए 2025 तक वायु प्रदूषण के स्तर में 65% की कमी लाना, वर्ष 2050 तक सभी के लिए सौ प्रतिशत व 2025 तक पच्चीस प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा, दिल्ली की कम से कम 80% आबादी के लिए सार्वजनिक परिवहन, 025 तक नए वाहन पंजीकरण में पचास प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना, 2025 तक लैंडफिल के लिए शून्य अपशिष्ट और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले राज्यों से परामर्श कर एक सामान्य क्षेत्रीय न्यूनतम एयर-शेड कार्यक्रम।
हाल ही में आम आदमी पार्टी द्वारा जारी केजरीवाल के दस वादों के गारंटी कार्ड में जो दस वादे किए गए हैं उनमें नागरिकों को वायु प्रदूषण को कम करने, स्वच्छ जल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ शहर में सार्वजनिक परिवहन में वृद्धि शामिल हैं। इस गारंटी कारड में यह लक्ष्य हासिल करने के लिए दो करोड़ से अधिक पेड़ लगाकर स्वच्छ हवा प्राप्त करने का लक्ष्य है।
लेकिन विशेषत्ज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण जैसी जटिल समस्या से सभी मोर्चों पर निपटने की आवश्यकता है, और इसके लिए न केवल वृक्षारोपण की आवश्यकता होगी, बल्कि औद्योगिक प्रदूषण को कम करना होगा, सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाना होगा और निर्माण और सड़क की धूल में जांच करनी होगी।
ऊर्जा के अध्यक्ष अतुल गोयल ने कहा कि,
“आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के राजनीतिक उम्मीदवारों और नेताओं के साथ बैठकें करके हमें पता चला है कि वायु और जल प्रदूषण से निपटना उनकी प्राथमिकता है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए प्रदूषण एक शीर्ष एजेंडा है और अगले 5 वर्षों के लिए किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आने पर, उन्हें इन योजनाओं के अपने वादे और क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। लोग अब खोखले वायदों से संतुष्ट होने वाले नहीं हैं।“
ऊर्जा की टीम ने आम आदमी पार्टी की मेनीफेस्टो समिति की अध्यक्षा आतिशी मार्लेना से मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि
“URJA टीम से मिलना और नागरिकों के ग्रीन मैनीफेस्टो को प्राप्त करना, एक सम्मान की तरह था। मुझे लगता है कि ये सभी मुद्दे, सार्वजनिक परिवहन, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, सीवेज उपचार, इलेक्ट्रिक वाहन, अत्यंत प्रासंगिक हैं। एक स्वच्छ और हरियाली वाला शहर बनाना आम आदमी पार्टी के लिए अगले कार्यकाल में कुछ सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होगा। और हमें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि नागरिक इन सुझावों को देने के लिए एक साथ आए हैं।“
जब नागरिकों का घोषणापत्र भाजपा की घोषणापत्र समिति के सदस्य कपिल मिश्रा को दिया गया तो उन्होंने कहा कि,
“परिवहन प्रबंधन, वायु प्रदूषण, ठोस अपशिष्ट, स्वच्छ पानी और वृक्षारोपण पर बहुत सारी माँगें हैं, जो भी पार्टी अगले 5 वर्षों के लिए दिल्ली में सरकार बनाती है उसे इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हम ऊर्जा के पीपुल्स ग्रीन मैनिफेस्टो को ध्यान में रखेंगे और मैं वादा करता हूं कि भाजपा का भी ग्रीन मैनिफेस्टो होगा और हम इसमे लोगों की मांगों को शामिल करेंगे।”
कपिल मिश्रा ने कहा कि
“जब हम फरवरी 2020 में दिल्ली में सरकार बनाएंगे, तो हम शहर को बेहतर बनाने के लिए पर्यावरण और पारिस्थितिकी के अनुकूल सरकार बनाएंगे।”