बड़ा खतरा वायरस नहीं, ….नेतृत्व का अभाव है ! –Tedros, डब्ल्यूएचओ WHO प्रमुख
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ WHO) प्रमुख ने चेतावनी दिया है कि दुनिया में कोरोना की चपेट में 90 लाख लोगों के आने और 4 लाख 70 हजार मौत के बाद भी महामारी की रफ्तार और तेज ही हो रही है।
उन्होंने अफसोस जाहिर किया है कि बड़ा खतरा वायरस नहीं, वरन वैश्विक एकजुटता और Leadership का अभाव है !
याद करिये, अमेरिका में कोरोना वायरस (Corona virus in america) जब जड़ें जमा रहा था, ट्रम्प वुहान वायरस (Wuhan Virus), चीनी वायरस (Chinese virus,) कह -कह कर उसका मजाक उड़ा रहे थे। उसकी कीमत अमेरिकी जनता चुका रही है, 1 लाख 20 हजार अमेरिकियों की जान अब तक जा चुकी है सिलसिला जारी है!
ब्राज़ील के महामहिम बोलसनारो जिन्हें इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में मोदी जी ने मुख्य अतिथि बनाया था, वह इसे little फ्लू कह कर शेखी बघार रहे थे, आज वहां 50 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं, डर के मारे सरकार आँकड़ा ही नहीं सार्वजनिक कर रही है, वहां सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं।
भारत में जनवरी में ही केस आने के बाद जब फरवरी में चेतावनी दी गयी तो सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने बाकायदा लोकसभा के अंदर बयान जारी करके कहा कि जनता को अनावश्यक डराया जा रहा है, सरकार नमस्ते ट्रम्प और मध्यप्रदेश में ऑपरेशन कमल में मशगूल रही और कोरोना देश में तेजी से पांव पसारता गया।
आज हालत यह है कि देश में साढ़े 4 लाख के ऊपर केस पंहुँच चुके है, 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, अनुमान है कि अकेले राजधानी दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख के ऊपर मामले पंहुँच जाएंगे।

देश में देर से, बिना किसी योजना व तैयारी के लॉक डाउन करके अर्थव्यवस्था भी चौपट कर दी गयी, प्रवासी मजदूर-गरीब तबाह भी हो गए और अन्य देशों के विपरीत भारत में कोरोना का कहीं आदि-अन्त भी नहीं दिख रहा !
डब्ल्यूएचओ WHO प्रमुख की चेतावनी बिल्कुल सटीक है, एक Visionless दृष्टिविहीन नेतृत्व ने पूरी मानवता को गम्भीर खतरे में डाल दिया है, महामारी के राजनीतिकरण ने हालात को और भयावह बना दिया है।
—लाल बहादुर सिंह
पूर्व अध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ