The central government is attacking the Constitution by recruiting lateral: Upendra Kushwaha
पटना, 6 फरवरी. केंद्र सरकार के लेटरल भर्ती पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने सवाल उठाते हुए इसे संविधान पर हमला बताया है.
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार के इस कदम को वंचित समाज के लिए अनुचित बताया है और कहा है कि इससे सरकारी नौकरियों में गरीबों व वंचितों के लिए दरवाजा बंद किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव व निदेशक स्तर के पद के लिए हाल ही में लेटरल बहाली का एलान किया है. बहाली कांट्रैक्ट पर होनी है. उपेंद्र कुशवाहा ने इसकी आलोचना की.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट के जरिए इस पर कड़ा एतराज जताया है.
कुशवाहा ने कहा है कि गरीबों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं व शैक्षणिक योग्यता रखने वाले कमजोर सवर्ण उम्मीदवारों के लिए तो उच्चतर न्यायपालिका में जज बनने का दरवादा तो बंद था ही अब लेटरल भर्ती जैसी असंवैधानिक व्यवस्था से सरकार कार्यपालिका का दरवाजा भी इनके लिए बंद कर रही है.
कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए पूछा है कि ऐसा केंद्र सरकार क्यों कर रही है.
रालोसपा ने इस पर चिंता जताई है कि सरकार लेटरल भर्ती में लगातार इजाफा कर रही है इससे वंचित समाज के युवाओं की उम्मीद तो टूटेगी है, ऐसा करना सविंधान पर भी हमला है. रालोसपा ने सवाल किया है कि क्या कुछ खास लोगों को मंत्रालयों में बैठाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.