/hastakshep-prod/media/post_banners/xKH6dWc41te1XSBgdfkb.jpg)
दिल्ली हिंसा में पुलिस की साम्प्रदायिक भूमिका उजागर करने के कारण ज़फरुल इस्लाम खान पर पुलिस ने किया फ़र्ज़ी मुकदमा
अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किसी भी देश का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि पूरी मानवता का मामला है
The persecution of minorities is not an internal matter of any country, but a matter of humanity.
लखनऊ, 5 मई 2020। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और प्रख्यात विद्वान ज़फरुल इस्लाम खान के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस द्वारा कथित आपत्तिजनक ट्वीट पर मुक़दमा क़ायम किये जाने की उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने निंदा की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा है कि श्री ज़फरुल इस्लाम खान को केंद्र सरकार नियंत्रित दिल्ली पुलिस हाल में दिल्ली में हुए मुस्लिम विरोधी जनसंहार में पुलिस की भूमिका उजागर करने के कारण प्रताड़ित कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिस कथित ट्वीट को दिल्ली पुलिस ने विवादित और देश की छवि ख़राब करने वाला बताया है वो तथ्यहीन है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री और उनके मातृ संगठन आरएसएस की अल्पसंख्यक विरोधी फ़ासिस्ट विचारधारा के कारण भारत की छवि ख़राब हुई है। यहां तक कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों तक ने मोदी को ट्वीटर पर फॉलो करना बंद कर दिया है, पूरी दुनिया में भारत सरकार की साम्प्रदायिक नीतियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें भारतीय मूल के अप्रवासियों ने सबसे ज़्यादा भागीदारी की है। जिससे भारत और भारतीय लोगों की 70 साल में निर्मित धर्मनिरपेक्ष छवि ख़राब हुई है। जिसके लिए प्रधानमंत्री जी को शर्मिंदा होकर देश से माफ़ी मांगनी चाहिए थी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार खाड़ी के मुस्लिम देशों में सोशल मीडिया पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले भारतीयों को नसीहत दे रही है कि ऐसा करना भारतीय मूल्यों के ख़िलाफ़ है लेकिन देश के अंदर ऐसे पोस्ट्स पर सवाल उठाने वाले ज़फरुल इस्लाम खान जैसे लोगों पर फर्जी मुक़दमे लादे जा रहे हैं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि किसी भी देश के अंदर अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न उस देश का आंतरिक मामला नहीं बल्कि पूरी इंसानियत का सवाल है। ठीक जैसे जर्मनी में यहूदियों का जनसंहार जर्मनी का आंतरिक मामला नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सवाल था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम राजनेताओं, पूर्व मुस्लिम मुख्यमंत्रियों, छात्र नेताओं, बुद्धिजियों को एक-एक कर जेल में डालने की कार्यवाई एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। इसका मकसद मुसलमानों को हर क्षेत्र में नेतृत्वविहीन उनका मनोबल तोड़ना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा और संघ के इस देश विरोधी योजना को कभी पूरा नहीं होने देगी।