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गोरखपुर में दलितों पर हमला करने वाले दबंग गिरफ्तार किये जायें : माले
The rule of law in the Yogi government is dominated by domineering-criminal-mafia forces - CPI (ML)
Dabangs who attacked Dalits in Gorakhpur should be arrested: CPI (ML)
लखनऊ, 17 जून। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने गोरखपुर में पोखरी गांव के दलित टोले पर सवर्ण सामंती दबंगों के हथियारबंद हमले की कड़ी निंदा की है और हमलावरों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भाकपा (माले) और इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के संयुक्त चार सदस्यीय जांच दल ने घटनास्थल का दौरा कर तथ्यों की पड़ताल की। उन्होंने कहा कि बीते शनिवार को गगहा थानाक्षेत्र के उक्त गांव में हुई घटना में दलित समुदाय की एक गर्भवती महिला समेत आधा दर्जन लोग बुरी तरह घायल हुए। हमलावरों ने दलितों के जानवरों को भी नहीं बख्शा। पिटाई से एक भैंस का गर्भ गिर गया। घर के बाहर खड़ी एक मोटरसाइकिल व एक ऑटो को क्षतिग्रस्त कर दिया।
राज्य सचिव ने कहा कि दलित टोले पर यह जानलेवा हमला सामंती प्रवृत्ति के ठाकुरों ने 25-30 की संख्या में गोलबंद होकर किया। प्रभावशाली हमलावरों के दबाव में पुलिस घटना की एफआईआर दर्ज करने में ना-नुकुर करती रही और समझौते के लिए दलितों पर दबाव डालती रही। यहां तक कि गंभीर रूप से घायलों को इलाज मुहैया कराने में भी देरी की। बाद में जनदबाव पर घायलों को गोरखपुर के मेडिकल कालेज भेजा गया और एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन इसके साथ ही पुलिस ने हमलावरों की ओर से पीड़ित पक्ष के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कर दी।
माले राज्य सचिव ने कहा कि मामला मुख्यमंत्री के जिले व निर्वाचन क्षेत्र का भी होने के कारण प्रशासन दबंग हमलावरों की गिरफ्तारी से बच रहा है। पुलिस कार्रवाई करने की जगह लीपापोती में जुटी है। उधर हमलावरों की तरफ से लगातार मुकदमा वापस लेने और जान से मारने तक की धमकी दलितों को दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कमोबेश पुलिस-प्रशासन का यही रवैया अन्य जिलों में भी दलितों-आदिवासियों के उत्पीड़न से जुड़े मामलों में दिखाई पड़ रहा है। कमजोर वर्गों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। चाहे वह सोनभद्र में आदिवासियों की खनन माफिया द्वारा हत्या का मामला हो, प्रतापगढ़ में पटेल किसानों पर सवर्ण दबंगों का हमला हो या गोरखपुर का ताजा मामला हो। यह स्थिति दिखाती है कि योगी सरकार में कानून के राज की जगह दबंग-अपराधी-माफिया ताकतों की तूती बोल रही है।
राज्य सचिव ने कहा कि गोरखपुर के उक्त घटना में विवाद की शुरुआत मनरेगा में सड़क पर मिट्टी डालने को लेकर हुई। दलित टोले के लोग मनरेगा मजदूर हैं और हमलावर पक्ष ने उन्हें मिट्टी डालने से रोका, जिसपर मामला गिरोहबंद होकर दलित टोले पर हमला करने तक जा पहुंचा। माले नेता ने कहा कि यदि प्रशासन हमलावरों के खिलाफ त्वरित व सख्त कार्रवाई नहीं करता है, तो दलितों पर और भी बड़े हमले की संभावना बन सकती है।