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अगर दो महीने तक लॉक डाउन जारी रहा, कोरोना काबू में आये या नहीं राम मंदिर जरूर बन जायेगा

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hastakshep
28 Mar 2020
जानिए पूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी जारी रहेंगी कौन सी जरूरी सेवाएं

The ruling party has got a golden opportunity to loot the treasury on the pretext of Corona

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ये तस्वीरें भारत की बदहाल स्वास्थ्य सेवा और अस्पतालों की है।

मेरे गांव बसंतीपुर में लाखों की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार बेड हैं, बड़ी सी इमारत है। महिला प्रसूति केंद्र है। दिनेशपुर के बाद यह एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र है दिनेशपुर रायपुर अमरपुर इलाके में। जहां न डॉक्टर है न लेडी डॉक्टर न नर्स। एक फार्मेसिस्ट गंगवार जी और एक कम्पाउंडर और एक वार्ड बॉय हैं। एक फ्रिज तक नहीं है। कोई इंजेक्शन नहीं है। एटीएस तक नहीं लग सकते। दवाएं नहीं हैं।

सीएमओ और डीएम को कोई परवाह नहीं है। दवा की डिमांड पर सीएमओ दवा नहीं भेजते। फार्मेसिस्ट नौकरी बचाने के लिए अपनी जेब से कुछ दवाएं खरीदकर जैसे तैसे अस्पताल खोलकर अस्पताल चला रहे हैं।

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यह तस्बीर पूरे उत्तराखण्ड और पूरे देश के ग्रामीण इलाकों की है।

मजदूरों, किसानों, गरीबों और गांवों के स्वास्थ्य की किसी को परवाह नहीं है।

गांव वालों को भी कोई परवाह नहीं है। सिडकुल जो लगभग बन्द है, की वजह से लोग दिनेशपुर रुद्रपुर जाकर इलाज कराते रहे हैं। उन्हें मंदिर और पूजा पाठ की परवाह है।

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कोरोना कर्फ्यू से हालात यकायक बदल गए हैं। लोग चूंकि बाहर नहीं जा सकते, बीमार और आतंकित होने की वजह से इस अस्पताल में आ रहे हैं, जहां न दवा है और न प्राथमिक चिकित्सा और न जांच की कोई व्यवस्था है।

लॉक डाउन के बावजूद गांवों में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के फैल जाने की आशंका है।

देश विदेश से संक्रमित लोग गांवों में घुस रहे हैं, जिनकी जांच और निगरानी असम्भव है।

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उत्तराखण्ड में प्रवासी बड़े पैमाने पर घर लौट रहे हैं, जिनसे गांवों के लोग खौफजदा हैं।

उत्तराखण्ड के अलावा बंगाल, बिहार, यूपी, हिमाचल, पंजाब और केरल की हालत रोज़ बिगड़ रही है, गांवों में संक्रमित प्रवासियों की घर वापसी से। जबकि गांवों में लोगों के अपने इलाज के लिए कुछ भी नहीं है।

संक्रमित देशों में 5 - 5 हजार बेड के अस्पताल बन रहे हैं। लगभग पूरा बंग्लादेश विदेशी रोज़गार पर निर्भर है। वहां तीन डॉलर की लागत पर जांच किट तैयार है। 15 मिनट में जांच का परिणाम आ सकता है।

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भारत में कोरोना से निबटने के लिए पीएम ने 18000 करोड़ के प्रावधान की घोषणा की है। विधायक संसद कोटा तय हो रहा है। यह पैसा कहां जा रहा है, कहने की जरूरत नहीं है। सत्तावर्ग को कोरोना के बहाने खजाना लूटने का सुनहरा मौका मिल गया है

कल कारखाने, काम धंधे, बाजार बंद है।

जनगणना स्थगित है।

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ओलम्पिक खेल स्थगित है।

संसद सुप्रीम कोर्ट स्थगित है।

पलाश विश्वास जन्म 18 मई 1958 एम ए अंग्रेजी साहित्य, डीएसबी कालेज नैनीताल, कुमाऊं विश्वविद्यालय दैनिक आवाज, प्रभात खबर, अमर उजाला, जागरण के बाद जनसत्ता में 1991 से 2016 तक सम्पादकीय में सेवारत रहने के उपरांत रिटायर होकर उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर में अपने गांव में बस गए और फिलहाल मासिक साहित्यिक पत्रिका प्रेरणा अंशु के कार्यकारी संपादक। उपन्यास अमेरिका से सावधान कहानी संग्रह- अंडे सेंते लोग, ईश्वर की गलती। सम्पादन- अनसुनी आवाज - मास्टर प्रताप सिंह चाहे तो परिचय में यह भी जोड़ सकते हैं- फीचर फिल्मों वसीयत और इमेजिनरी लाइन के लिए संवाद लेखन मणिपुर डायरी और लालगढ़ डायरी हिन्दी के अलावा अंग्रेजी औऱ बंगला में भी नियमित लेखन अंग्रेजी में विश्वभर के अखबारों में लेख प्रकाशित। 2003 से तीनों भाषाओं में ब्लॉग पलाश विश्वास

जन्म 18 मई 1958

एम ए अंग्रेजी साहित्य, डीएसबी कालेज नैनीताल, कुमाऊं विश्वविद्यालय

दैनिक आवाज, प्रभात खबर, अमर उजाला, जागरण के बाद जनसत्ता में 1991 से 2016 तक सम्पादकीय में सेवारत रहने के उपरांत रिटायर होकर उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर में अपने गांव में बस गए और फिलहाल मासिक साहित्यिक पत्रिका प्रेरणा अंशु के कार्यकारी संपादक।

उपन्यास अमेरिका से सावधान

कहानी संग्रह- अंडे सेंते लोग, ईश्वर की गलती।

सम्पादन- अनसुनी आवाज - मास्टर प्रताप सिंह

चाहे तो परिचय में यह भी जोड़ सकते हैं-

फीचर फिल्मों वसीयत और इमेजिनरी लाइन के लिए संवाद लेखन

मणिपुर डायरी और लालगढ़ डायरी

हिन्दी के अलावा अंग्रेजी औऱ बंगला में भी नियमित लेखन

अंग्रेजी में विश्वभर के अखबारों में लेख प्रकाशित।

2003 से तीनों भाषाओं में ब्लॉग

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आईपीएल और क्रिकेट खेल कूद बन्द है।

लेकिन पुलवामा की तर्ज पर हिन्दुत्व के एजेंडा पर अमल तेज़ है।

टीवी की खबरों के मुताबिक राम मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है।

अगर दो महीने तक लॉक डाउन जारी रहा, कोरोना काबू में आये या नहीं राम मंदिर जरूर बन जायेगा

बधाई। जय श्री राम। देश रामभरोसे है।

होइहीं वही जो रामम रची राखा।

जब भी प्रेरणा अंशु निकलेगा, हम गांव और किसान पर व्यापक चर्चा के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

पलाश विश्वास

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