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उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों के शीर्ष नेतृत्व ने - मजदूर संगठनों के प्रतिरोध प्रदर्शन की सफलता के लिये उन्हें बधाई दी
प्रतिरोध प्रदर्शनों में बाधा उत्पन्न करने पर केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया
अम्फान तूफान से जन- धन हानि पर जताया दुख : राहत और पुनर्वास के लिये केन्द्र से पर्याप्त धन आबंटन की मांग की
लखनऊ- 23 मई 2020, उत्तर प्रदेश और देश के श्रमिक संगठनों के आह्वान पर प्रतिरोध दिवस (Resistance Day) पर हजारों हजार श्रमिकों के लॉकडाउन की पाबंदियों (Lockdown Restrictions) के बावजूद प्रतिरोध दर्ज कराने पर उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों ने उन्हें बधाई दी है।
वामपंथी दलों के राज्य नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के वामदलों क्रमशः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी, भाकपा- माले और फारबर्ड ब्लॉक (Left Parties, Communist Party of India, Communist Party of India- Marxist, CPI-Male, Forward Block) के प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं को भी बधाई दी जिन्होंने मजदूर वर्ग के आंदोलन के समर्थन में जगह- जगह धरने दिये और मजदूरों के ऊपर सरकारों द्वारा लादी गयी विपत्ति के खिलाफ आवाज बुलंद की।
वामपंथी दलों ने आरोप लगाया कि लॉक डाउन की आड़ में केंद्र और राज्य सरकार अन्याय के खिलाफ प्रतिकार की आवाज को दबाने पर उतारू हैं। दिल्ली में राजघाट पर शांतिपूर्ण प्रतिरोध कर रहे मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लखनऊ में गांधी प्रतिमा की ओर धरना देने जा रहे श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों को दारुल शफ़ा के समक्ष रोक लिया और वहीं पर ज्ञापन देने को बाध्य किया। अन्य जगह भी सरकार के निर्देश पर ट्रेड यूनियनों और वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को स्थानीय प्रशासन ने एक दिन पहले से ही धमकाना शुरू कर दिया था।
आज फिर सरकार ने उत्तर प्रदेश में 6 माह के लिए किसी भी किस्म की हड़ताल पर पाबन्दी (Restrictions on strike) लगा दी। श्रम कानूनों को तीन साल के लिये सस्पेंड करने के बाद मेहनतकश तबकों के खिलाफ यह एक और बड़ा हमला है। उत्तर प्रदेश में जनवादी गतिविधियों को कुचलने का प्रयास गत दिसंबर से ही किया जाता रहा है और सीएए के विरोध में खड़े वामपंथी दलों व अन्य को गिरफ्तार किया गया अथवा गिरफ्तारी की कोशिशें की गईं। अब फिर बहाने लगा कर एक विपक्षी दल के नेता को गिरफ्तार किया गया है। वामपंथी दल इस सबकी कड़े से कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं।
संयुक्त बयान में भाकपा के राज्य सचिव डॉ. गिरीश, भाकपा- मार्क्सवादी के राज्य सचिव डॉ. हीरालाल यादव, भाकपा- माले के राज्य सचिव सुधाकर यादय एवं फारबर्ड ब्लाक के प्रदेश संयोजक अभिनव कुशवाहा ने अम्फान से बंगाल और उड़ीसा में जन और धन हानि की तवाही पर गहरा दुख व्यक्त किया है और राहत और पुनर्वास के लिये केन्द्र सरकार से अधिक से अधिक धनराशि इन राज्यों को मुहैया कराने की मांग की है।