Advertisment

प्रश्नकाल की अवहेलना संसदीय प्रजातंत्र के मूल चरित्र की अवहेलना है

author-image
hastakshep
08 Sep 2020
Parliament LIVE : विपक्षी दलों ने लोकसभा और राज्‍यसभा में लगाई नोटिस की झड़ी, हंगामे के आसार

The violation of the Question Hour is a violation of the basic character of parliamentary democracy.

Advertisment

प्रश्नोत्तर काल (Question Hour) संसदीय व्यवस्था की आत्मा (Soul of parliamentary system) होता है। प्रश्न पूछकर सांसद या विधायक सच पूछा जाए तो सरकार की मदद करते हैं।

The Q&A period was suspended during the Emergency as well.

आपातकाल के दौरान भी प्रश्नोत्तर काल सस्पेंड कर दिया गया था। सरकार के इस निर्णय के बाद हम सब पत्रकार तत्कालीन मुख्य सचिव श्री एस. सी. वर्मा से मिले थे। उन्होंने आपाताकाल के दौरान लिए गए दो खतरनाक निर्णयों पर गंभीर चिंता प्रगट की थी। पहला निर्णय था विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल का सस्पेंशन और दूसरा समाचारों पर सेंसर।

Advertisment

उनका कहना था कि विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर एकत्रित करने के लिए बड़ी कवायद करनी होती है। इस कवायद के दौरान अन्य ऐसी जानकारियां भी मिल जाती हैं जिनसे आम आदमियों की समस्याओं का निराकरण हो जाता है।

इसी तरह समाचार पत्रों में प्रकशित समाचारों से मुझे दूरदराज की जगहों पर क्या हो रहा है इसका पता चल जाता है। उस समय सभी विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इन दोनों निर्णयों की कड़ी आलोचना की थी। आलोचना करने वालों में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व अवतार भारतीय जनसंघ भी थी। आज भारतीय जनता पार्टी स्वयं वही कर रही है जिसकी उसने आलोचना की थी।

दुनिया की सबसे प्राचीन संसद ब्रिटेन की है। वहां की संसद का निचला सदन हाउस ऑफ़ कामन्स कहलाता है। इतिहास बताता है कि ब्रिटेन के लंबे संसदीय इतिहास में प्रश्नोत्तर काल केवल एक बार ही सस्पेन्ड हुआ है जो इसलिए सस्पेन्ड हुआ था क्योंकि उस दिन वहां के संसद भवन पर बम गिरने की संभावना थी।

Advertisment

Question Hour is the most important proceedings of the House

यद्यपि प्रश्नकाल सदन की सबसे महत्वपूर्ण कार्यवाही है इसके बावजूद कुछ अवसरों पर स्वयं विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल को सस्पेन्ड करने की मांग करते हैं। ऐसी मांग वे इसलिए करते हैं ताकि वे एक अत्यधिक महत्वपूर्ण मुद्दा उठा सकें। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि यदि विधायक मंत्री से कोई फेवर चाहते हैं और मंत्री उन्हें घास नहीं डालते तो विधायक कोई ऐसा प्रश्न पूछने का प्रयास करते हैं जिससे मंत्री महोदय की प्रतिष्ठा पर आंच आए।

मध्यप्रदेश विधानसभा के एक ऐसे अध्यक्ष थे जो किसी मंत्री पर दबाव बनाने के लिए किसी विधायक से एक विवादग्रस्त मुद्दा उठवाते थे। इन सब कमियों के बावजूद प्रश्न पूछना सांसदों या विधायकों के हाथ में एक जबरदस्त हथियार है जिसका उपयोग वे जनहित में कर सकते हैं।

Advertisment
क्या प्रश्नकाल सस्पेंड किया जा सकता है | Can the question hour be suspended

कभी-कभी सभी की सहमति से प्रश्नकाल सस्पेंड किया जाता है। जैसे सन् 1962 में चीनी आक्रमण के समय और आजादी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र आदि।

हमारे प्रदेश की विधानसभा के अनेक ऐसे सदस्य रहे हैं जिन्हें प्रश्न पूछने की कला पर जबरदस्त पकड़ थी। ऐसे कुछ विधायक मुझे बरबस याद आ रहे हैं। इस तरह के विधायकों में सबसे पहले मोतीलाल वोरा याद आते हैं।

Advertisment

वोराजी सुबह जल्दी उठकर उस स्थान पर पहुंच जाते थे जहां हाकर उनके हिस्से के समाचार पत्र एकत्रित करते थे। उस समय वह स्थान न्यू मार्केट के काफी हाउस के सामने था। वोराजी समाचार पत्र खरीदकर उनमें छपी महत्वपूर्ण खबरों के आधार पर हाथ से लिखकर प्रश्न विधानसभा सचिवालय में पहुंचा देते थे।

इस तरह वे लगभग प्रतिदिन विधानसभा की कार्यवाही पर छाए रहते थे। ऐसे अन्य विधायक बाबूलाल गौर, लक्ष्मीकांत शर्मा और बसंतराव उईके थे। प्रक्रिया के नियमों के अनुसार तारांकित प्रश्न पर पूरक प्रश्न (Supplementary Questions on Starred Questions) पूछे जा सकते हैं। ऐसे में कभी-कभी ऐसा होता था कि एक ही प्रश्न पर इतने पूरक प्रश्न पूछे जाते थे कि प्रश्नकाल का पूरा समय एक ही प्रश्न  पूरक प्रश्नों में निकल जाता था।

publive-image एल. एस. हरदेनिया। लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

Advertisment

जहां प्रश्न पूछना एक कला है वहीं प्रश्न का जवाब देना मंत्री की क्षमता को मापने का आधार है। विशेषकर पूरक प्रश्न के उत्तर से मंत्री की उत्तर देने की क्षमता प्रदर्शित होती है। एक दिन बसंतराव उईके एक प्रश्न के उत्तर में इतनी जानकारी लेकर आए थे कि विधायकों ने कहा कि बस इससे ज्यादा जानकारी नहीं चाहिए। ऐसे ही एक मंत्री बाबू तख्तमल जैन थे।

कभी-कभी प्रश्न काल के दौरान ऐसा विवाद हो जाता है कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ती है।

On the lines of the House of Commons, Digvijay Singh also started the Chief Minister's Question Hour.  
Advertisment

यहां एक बात का और उल्लेख करना चाहूंगा। ब्रिटेन में सप्ताह में एक दिन ऐसा होता है जिस दिन सिर्फ प्रधानमंत्री से प्रश्न पूछे जाते हैं। उसे प्राईम मिनिस्टर क्वेश्चन ऑवर कहते हैं। हाउस ऑफ़ कामन्स की तर्ज पर दिग्विजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री प्रश्नकाल प्रारंभ किया था

कुल मिलाकर प्रश्नकाल की अवहेलना संसदीय प्रजातंत्र के मूल चरित्र की अवहेलना है।

एल. एस. हरदेनिया

Advertisment
सदस्यता लें