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भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई (Retired Chief Justice of the Supreme Court of India Justice Ranjan Gogoi) को राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में सदस्य मनोनीत किए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय के ही अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू (Justice Markandey Katju, a retired judge of the Supreme Court) ने पुनः हमला बोला है।
जस्टिस काटजू ने अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर लिखा,
“मैं 20 वर्ष अधिवक्ता और 20 वर्ष जज रहा। मैं कई अच्छे जजों और कई बुरे जजों को जानता हूं। लेकिन मैंने कभी भी भारतीय न्यायपालिका में किसी भी जज को इस यौन विकृत रंजन गोगोई जैसा बेशर्म और लज्जास्पद नहीं पाया। शायद ही कोई ऐसा दुर्गुण है जो इस आदमी में नहीं था।
और अब यह दुर्जन और धूर्त व्यक्ति (rascal and rogue) भारतीय संसद् की शोभा बढ़ाने वाला है।
हरिओम।“
इससे पहले आज दिन में सुबह जस्टिस काटजू ने दो ट्वीट किए थे।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर वन लाइनर के जरिए कटाक्ष किया –
“गोगोई का राज्यसभा के लिए नामांकन हुआ
हरि ओम”
इसके पहले जस्टिस काटजू ने अल्लामां इक़बाल का प्रसिद्ध शेर “वतन की फिक्र कर” पोस्ट किया, हालांकि उस पोस्ट में गोगोई एपिसोड का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन पोस्टिंग के तारतम्य से समझा जा सकता है कि काटजू का इशारा गोगई प्रकरण से न्यायपालिका की विश्वसनीयता के संकट को लेकर है।
उन्होंने पोस्ट किया
“वतन की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है
तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दोस्तां वालों
तुम्हारी दास्तां तक भी न रह जाएगी दास्तानों में”