Advertisment

Coronavirus Test: आइए कोविड-19 पीसीआर टेस्ट को समझते हैं

author-image
hastakshep
11 Apr 2022
ग्रामीण आबादी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार के नये दिशा-निर्देश

Advertisment

Understanding COVID-19 PCR Testing

Advertisment

कोविड-19 महामारी के दौरान कोरोनावायरस टेस्ट (Coronavirus Test in Hindi) खूब हो रहे हैं। आज इस खबर में सरल हिंदी में समझते हैं कि पीसीआर टेस्ट क्या होता है व इसका आविष्कार कब हुआ और पीसीआर टेस्ट किस तरह होता है और पीसीआर टेस्ट के पॉजिटिव आने या पीसीआर टेस्ट के निगेटिव आने का क्या मतलब है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से संबद्ध राष्ट्रीय मानव जीनोम अनुसंधान संस्थान (National Human Genome research Institute- NHGRI) पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध एक फैक्ट शीट में इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है। इस समाचार की जानकारी का उपयोग पेशेवर चिकित्सा देखभाल या सलाह के विकल्प के रूप में नहीं किया जा सकता है। यदि आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता/ योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।

Advertisment

एनएचजीआरआई की फैक्ट शीट में दी गई जानकारी के मुताबिक –

Advertisment

पीसीआर क्या है? (COVID-19 PCR Test in Hindi)

Advertisment

पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) {Polymerase chain reaction (PCR)} एक सामान्य लैबोरेटरी टेक्नीक है। इसका उपयोग आनुवंशिक सामग्री के छोटे खंडों (small segments of genetic material) को कॉपी करने या व्याख्यायित करने के लिए शोध एवम् नैदानिक अभ्यास में किया जाता है। पीसीआर को कभी-कभी "मोल्क्यूलर फोटोकॉपी" (“molecular photocopying”) कहा जाता है, और यह सटीक और संवेदनशील होती है। लघु अनुक्रमों जिन्हें प्राइमर नाम से जाना जाता है, का उपयोग एक विशिष्ट डीएनए अनुक्रम को चुनिंदा रूप से बढ़ाने के लिए किया जाता है।

Advertisment

पीसीआर का आविष्कार कब हुआ?

Advertisment

पीसीआर का आविष्कार 1980 के दशक में किया गया था और अब इसका उपयोग कई तरह से किया जाता है। अब डीएनए फिंगरप्रिंटिंग (DNA fingerprinting या genetic fingerprinting), आनुवंशिक विकारों के निदान (diagnosing genetic disorders) और बैक्टीरिया या वायरस का पता लगाना (detecting bacteria or viruses) के लिए पीसीआर का उपयोग किया जाता है। चूंकि आणविक और आनुवंशिक विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में डीएनए नमूने (DNA sample) की आवश्यकता होती है, इसलिए शोधकर्ताओं के लिए पीसीआर प्रवर्धन (PCR amplification) के बिना आनुवंशिक सामग्री के पृथक टुकड़ों का अध्ययन करना लगभग असंभव है।

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट कैसे काम करता है? | How does COVID-19 PCR testing work?

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट पीसीआर के एक संशोधित संस्करण, जिसे क्वांटिटेटिव पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (qPCR) कहा जाता है, का उपयोग करता है। इस विधि में एक सैम्पल में आनुवंशिक सामग्री की मात्रा को मापने के लिए पीसीआर प्रक्रिया में फ्लोरोसेंट रंजक (fluorescent dyes) जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में जांच कर रहे हेल्थ वर्कर SARS-CoV-2 से आनुवंशिक सामग्री की मात्रा को मापते हैं।

पीसीआर टेस्टिंग प्रक्रिया तब शुरू होती है जब हेल्थ वर्कर वयक्ति के नाक के स्वीब या लार ट्यूब का उपयोग करके सैम्पल एकत्र करते हैं। SARS-CoV-2 वायरस, जो कि कोविड-19 का कारण बनने वाला रोगज़नक़ है, आरएनए (RNA) को अपनी आनुवंशिक सामग्री के रूप में उपयोग करता है। सबसे पहले, पीसीआर को रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन नामक प्रक्रिया (reverse transcription) में सिंगल-स्ट्रैंडेड आरएनए से डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए (single-stranded RNA to double-stranded DNA) में परिवर्तित किया जाता है। फिर दो डीएनए टेम्प्लेट स्ट्रैंड (DNA template strands) को अलग कर दिया जाता है। प्राइमर इन स्ट्रैंड्स के सिरे से जुड़ते हैं।

  • प्राइमर क्या होते हैं

प्राइमर डीएनए के छोटे टुकड़े होते हैं जिन्हें केवल एक आनुवंशिक अनुक्रम (जो वायरल डीएनए के लिए विशिष्ट होता है) से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि केवल केवल वायरल डीएनए को दोहराया जा सकता है।

प्राइमर संलग्न होने के बाद, डीएनए के नए पूरक स्ट्रैंड टेम्पलेट स्ट्रैंड के साथ विस्तारित होते हैं। जैसे ही यह होता है, फ्लोरोसेंट रंग डीएनए से जुड़ते हैं, सफल दोहराव का एक मार्कर प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया के अंत में, वायरल डीएनए की दो समान कॉपी बनाई जाती हैं। फिर SARS-CoV-2 वायरल RNA के अनुरूप सैकड़ों डीएनए कॉपी बनाने के लिए चक्र को 20-30 बार दोहराया जाता है।

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट के परिणामों को समझें (What do results mean for a COVID-19 PCR test?)

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव तब होता है जब SARS-CoV-2 प्राइमर नमूने में डीएनए से मेल खाते हैं और अनुक्रम को बढ़ाया जाता है, जिससे लाखों प्रतियां बनती हैं। यानी सैंपल किसी संक्रमित व्यक्ति का है। प्राइमर केवल वायरस से आनुवंशिक सामग्री को बढ़ाते हैं, इसलिए यह संभावना नहीं है कि वायरल आरएनए मौजूद नहीं होने पर एक सैम्पल पॉजिटिव होगा। यदि ऐसा होता है, तो इसे फॉल्स पॉजिटिव कहा जाता है।

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट निगेटिव तब होता है जब SARS-CoV-2 प्राइमर नमूने में आनुवंशिक सामग्री से मेल नहीं खाते और कोई प्रवर्धन नहीं होता है। इसका मतलब है कि नमूने में कोई वायरस नहीं था।

कोविड-19 पीसीआर टेस्ट का फॉल्स निगेटिव रिजल्ट तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, लेकिन इसका पता लगाने के लिए पीसीआर परीक्षण के लिए नमूने में पर्याप्त वायरल आनुवंशिक सामग्री नहीं होती है।

कुल मिलाकर, फॉल्स निगेटिव रिजल्ट फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट की तुलना में बहुत अधिक होने की संभावना होती है।

(नोट : यह खबर किसी भी परिस्थिति में चिकित्सकीय सलाह नहीं है। यह समाचारों में उपस्थित सूचनाओं के आधार पर जनहित में एक अव्यावसायिक जानकारी मात्र है। किसी भी चिकित्सा सलाह के लिए योग्य व क्वालीफाइड चिकित्सक से संपर्क करें। स्वयं डॉक्टर कतई न बनें।)

जानकारी का स्रोत - NHGRI

Advertisment
सदस्यता लें