रोजगार के मुद्दे पर छात्रों को धरना प्रदर्शन की अनुमति न देना लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन- युवा मंच
अनुमति दिलाने हेतु राज्यपाल महोदया को युवा मंच द्वारा भेजा गया प्रत्यावेदन
लखनऊ 10 मार्च, 2021 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार के मुद्दे पर छात्रों को धरना प्रदर्शन की अनुमति न देकर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। प्रदेश में बेकारी भयावह स्थिति में है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रोजगार के सवाल को हल करने के बजाय बयानबाजी के माध्यम से पेश की जा रही बेहतर तस्वीर से युवाओं में भारी रोष व्याप्त है। विगत महीने 24 फरवरी को प्रयागराज में रोजगार के मुद्दे पर छात्रों के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन को विधि के विरूद्ध जाकर बलपूर्वक खत्म कराया गया, 25 युवाओं को गिरफ्तार कर 3 युवा मंच के पदाधिकारियों को जेल भेजा गया, गिरफ्तार युवाओं में 9 छात्राएं भी शामिल थीं। रोजगार के हालात न सिर्फ जस के तस हैं बल्कि प्रदेश में सरकार चाहें जो आंकड़े पेश करे लेकिन सच्चाई यही है कि बेकारी का संकट गहराता जा रहा है। आजीविका/रोजगार का सवाल छात्रों-युवाओं के जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है और इस मुद्दे के हल के लिए छात्र धरना प्रदर्शन जोकि उनका लोकतांत्रिक व मौलिक अधिकार है, करने के इच्छुक हैं लेकिन 27 फरवरी को जिलाधिकारी, प्रयागराज को रोजगार के मुद्दे पर बेमियादी धरना प्रदर्शन हेतु प्रत्यावेदन देने के बाद अभी तक अनुमति नहीं दी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है लेकिन प्रदेश में कहीं पर भी शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा रही है।
अतः आज इस संबंध में राजेश सचान, संयोजक युवा मंच द्वारा राज्यपाल महोदय, उत्तर प्रदेश को एक प्रत्यावेदन भेज कर अनुरोध किया गया है कि वे तत्काल इसे संज्ञान में लेकर छात्रों को रोजगार के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की अनुमति और रोजगार के सवाल को हल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें।
यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।
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