Advertisment

वर्चुअल रोजगार संवाद : युवाओं ने योगी सरकार के दावों की खोली पोल

author-image
hastakshep
05 Jun 2021
वर्चुअल रोजगार संवाद : युवाओं ने योगी सरकार के दावों की खोली पोल

Advertisment

वर्चुअल रोजगार संवाद : युवाओं ने योगी सरकार के दावों की खोली पोल

Advertisment

#यूपीबेरोजगारदिवस 5 बजे तक रिकॉर्ड दस लाख ट्वीट, ट्विटर पर छाया रहा रोजगार का मुद्दा

Advertisment

प्रयागराज समेत प्रदेशभर में युवा मंच ने किया सांकेतिक प्रदर्शन

Advertisment
Virtual employment dialogue: youth exposed the claims of Yogi government

Advertisment

प्रयागराज, 5 जून 2021, युवा मंच समेत संगठनों के संयुक्त आवाहन पर आयोजित यूपी बेरोजगार दिवस जबरदस्त सफल रहा। प्रयागराज समेत प्रदेश भर में युवा मंच के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने सांकेतिक प्रदर्शन कर योगी सरकार को आगाह किया, कि अगर रोजगार के सवाल को हल नहीं किया गया, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जायेगा और विधानसभा चुनाव में रोजगार पर योगी सरकार की वादाखिलाफी को मुद्दा बनाया जायेगा।

Advertisment
प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा और रणनीति बनाने के लिए युवा मंच द्वारा आयोजित वर्चुअल रोजगार संवाद में युवाओं ने योगी सरकार के रोजगार देने के दावों की पोल खोली।

Advertisment

वर्चुअल रोजगार संवाद में अपनी बात रखते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि प्रदेश में रोजगार की भयावह स्थिति है, पिछली सरकार तक की भर्तियां अधर में हैं, तमाम विभागों में 50-70 फीसद या इससे भी अधिक पद रिक्त पड़े हुए हैं। रोजगार को सरकार चाहें जो प्रोपैगैंडा करे लेकिन हालात ऐसे हैं कि मनरेगा और दिहाड़ी मजदूरी भी जरुरतमंदों को नहीं मिल रही।

युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने वर्चुअल रोजगार संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि अगर रोजगार के प्रश्न हल नहीं किया गया तो युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने शिक्षा विभाग से लेकर तमाम विभागों में लाखों पदों को ही खत्म कर दिया और जो अभी भी 5 लाख से ज्यादा रिक्त पद हैं उन्हें भरने की सरकार की कोई योजना नहीं है।

181 वुमन हेल्पलाइन की रेनू शर्मा और खुशबू ने अपनी पीड़ा को बताते हुए कहा जहां एक तरफ योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती हैं, लेकिन उन्होंने वुमन हेल्पलाइन की महिलाओं के रोजगार छीनने का काम किया और महीनों का बकाया वेतन का भुगतान तक नहीं किया गया।

युवा मंच वाराणसी के संयोजक दिव्यांशु राय ने निजी स्कूलों के शिक्षकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें किसी तरह की कानूनी सुरक्षा नहीं है। शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैं लेकिन सरकार इन निजी शिक्षकों के लिए किसी तरह की मदद नहीं कर रही है।

पीलीभीत से यूपीएसएसएससी के छात्रों के प्रतिनिधि अभिषेक अवस्थी ने कहा कि अकेले यूपीएसएसएससी में 22 भर्तियां लंबित हैं जिसमें 2016 और 2018 में विज्ञापित जेई भर्ती भी है जिसकी न तो परीक्षा हुई और ही सिलैबस जारी किया गया। उन्होंने कहा कि छात्रों के आंदोलन के दबाव में आयोग में 50 हजार पदों का अधियाचन भी आ गया लेकिन अब पीईटी परीक्षा के नाम पर रिक्त पदों पर विज्ञापन जारी करने से रोक लग गई।

चंदौली से आलोक राय ने ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं की बेकारी के सवाल को प्रमुखता से रखा। उन्होंने किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी और काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए जारी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया।

एक्स रे टेक्नीशियन के छात्रों के प्रतिनिधि सुहैल हसन ने विस्तार से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गई। ज्यादातर लोगों को संविदा पर रखा जा रहा है और तनख्वाह आधी कर दी गयी है। एक्स रे टेक्नीशियन के रिक्त पदों को 2016 के बाद से ही भरा नहीं गया जबकि 556 पदों के लिए अधियाचन भी आयोग को प्राप्त होने के बावजूद विज्ञापन जारी किया गया।

सहारनपुर जिला संयोजक राजीव त्यागी ने कहा कि भाजपा सरकार में कथनी और करनी में अंतर है, कहने के लिए भाजपा डिजिटल युग की वकालत करती है लेकिन पाठ्यक्रम में विषय शामिल होने के दो दशकों से कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई।

युवा मंच के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इंजी. राम बहादुर पटेल ने बताया कि तकनीकी संवर्ग में आईटीआई, डिप्लोमा से लेकर बीटेक तक के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों व विभागों में 70% से ज्यादा रिक्त पद हैं लेकिन इन्हें भरा नहीं जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बिजली विभाग में तकनीशियन के 4102 का जो विज्ञापन आया था उसे भी योगी सरकार ने बिना कोई कारण रद्द कर दिया।

आजमगढ़ से जयप्रकाश यादव ने कोरोना की वजह से आयु में छूट देने और छात्रों को लॉकडॉन अवधि का किराया माफ करने की बात उठाई।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक अंधाधुंध निजीकरण पर रोक नहीं लगती रोजगार नहीं मिल सकता।

अमरेंद्र सिंह ने कहा कि आवाज उठाने पर मुकदमे दर्ज किया जा रहा है, जेल भेज दिया जाता है। योगी सरकार तानाशाही पर आमादा है।

वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने इसके कुछ समाधान देते हुए कहा कि रोजगार सृजन के लिए सरकार की कोई नीति नहीं है। अगर सरकार कारपोरेट घरानों पर 2% भी संपत्ति व उत्तराधिकार कर लगा दे तो रोजगार की गारंटी की जा सकती है।

अंत में ईशान गोयल ने संकल्प प्रस्तावों को पढ़ा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। जिसमें प्रमुख तौर पर रोजगार के मुद्दे को विधानसभा चुनाव का मुद्दा और राष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दा बनाने, रिक्त पदों पर विज्ञापन जारी करने व हरहाल में लंबित भर्तियों को पूरा करने, काले कृषि कानूनों को रद्द करने और काले कानूनों में जेल भेजे गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई व देशद्रोह आदि काले कानूनों को खत्म करने के लिए आंदोलन चलाने का संकल्प लिया गया। वर्चुअल रोजगार संवाद में लखनऊ विवि के छात्र नेता सतेन्द्र प्रताप यादव, पीलीभीत से आलोक रंजन, लखनऊ से कुलदीप निषाद, संत कबीर नगर से वागीश धर राय, बस्ती से शैलेंद्र त्रिपाठी, लखनऊ से आशीष चौधरी, प्रतापगढ़ से नरेन्द्र मिश्रा, शाहजहांपुर से रवि जीत आदि प्रतिनिधियों ने भी हिस्सेदारी की। संचालन कुलदीप कुमार ने किया।

ट्विटर अभियान में संगीता पाल, लवकुश पटेल, मनोज पटेल, संदीप वर्मा समेत प्रदेश भर में युवा मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में दी गई है।

Advertisment
सदस्यता लें