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भारत माता की जय, सावरकरी संघी मानसिकता की क्षय

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hastakshep
20 Jan 2020
भारत माता की जय, सावरकरी संघी मानसिकता की क्षय

Was India divided in the name of religion?

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सीमान्त गांधी खान अब्दुल गफ्फार खां (सीमान्त गांधी खान अब्दुल गफ्फार खां)। क्या इस व्यक्ति का नाम वह घटिया लोग जानते हैं,जो बार बार इस बात की दुहाई देते हैं कि धर्म के नाम पर भारत का बंटवारा हुआ था?

There was no partition of India in the name of religion.

पहली बात तो यह समझो कि धर्म के नाम पर भारत का कोई बंटवारा नहीं हुआ था। एक मुस्लिम लीग थी और एक हिन्दू महासभा जो देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहते थे।

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और आखिर में भारत का एक टुकड़ा पाकिस्तान बन गया। जब धार्मिक आधार पर दंगे होने लगे तो एक समझौता हुआ कि पूर्वी पंजाब के मुस्लिम लोग पश्चिमी पंजाब में चले जाएं और पश्चिमी पंजाब के हिन्दू पूर्वी पंजाब और भारत मे चले आएं। सरदार पटेल का यह फैसला भी अच्छा नहीं था, लेकिन समय और परिस्थितियों के मुताबिक उन्हें यही बेहतर लगा।

भारत कभी हिन्दू राज नहीं बना और देश के गृहमंत्री के रूप में पटेल ने गारंटी ली थी कि हर भारतीय मुसलमान को सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता दी जाएगी।

उसी बंटवारे में एक कांग्रेसी खान अब्दुल गफ्फार खां भी थे, जिन्हें जिन्ना का पाकिस्तान बनना नहीं पसन्द था। वह गांधी और पटेल सबसे लड़े और कहा कि उन्हें पाकिस्तान स्वीकार नहीं है। वह पाकिस्तान में 1966 तक लगातार बंटवारे के खिलाफ आंदोलन चलाते रहे और कहते रहे कि उन्हें पाकिस्तान स्वीकार नहीं है, वह भारत में पैदा हुए और भारतीय ही रहेंगे।

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हालांकि वह भारत पाकिस्तान का एकीकरण कराने में सफल नही रहे। लेकिन मेरे जैसे कुछ लोगों की आखों और दिल में सपना देकर गए हैं कि भारत पाकिस्तान सब एक होंगे। हमें दिल्ली से हर साल बाइक और कार से जाकर लाहौर में भगत सिंह के शहीदी स्थल पर फूल चढ़ाना है।

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महात्मा गांधी की जय

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जवाहरलाल नेहरू की जय

सरदार बल्लभ भाई पटेल की जय

भारत माता की जय

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स्वतंत्र भारत की जय।

संघी मानसिकता की क्षय

सावरकरी मानसिकता की क्षय

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विभाजनकारी ताकतों की क्षय।

पत्रकार सत्येन्द्र पीएस की फेसबुकिया टिप्पणी

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