We are citizens of India and no one can give us citizenship
सीएए से नागरिकता मिल भी गई तो एनपीआर, एनआरसी से नागरिकता बचेगी नहीं। हम भारत के नागरिक हैं और कोई हमें नागरिकता नहीं दे सकता। सीएए हिंदुओं को नागरिकता देने का नहीं, आम जनता को नागरिकता साबित करने की बाध्यता और नागरिकता छीनने का कानून है।
2003 के भाजपाई कानून ने नागरिकता छीनने का इंतज़ाम किया, उसका भी लगातार पुरजोर विरोध करता रहा हूँ, और सीएए, एनआरसी और एनपीआर के नागरिकता छीनने के उपकरण का भी पुरजोर विरोध करता हूँ। धर्म, भाषा, जाति, नस्ल या क्षेत्र नहीं में मनुष्यों के, मनुष्यता के, सभ्यता के पक्ष में खड़ा हूँ।
किसी भी तरह के दमन, उत्पीड़न, गैर बराबरी और अन्याय के खिलाफ खड़ा हूँ, अकेले ही सही।
चाहे मेरे अपने दुश्मन हो जाएं।
मुझे कहीं से चुनाव जीतना नहीं है।
कैरियर की कभी परवाह नहीं की, फायदा नुकसान के बारे में कभी सोचा नहीं।
हमेशा सच के साथ खड़ा रहा हूँ।
हमेशा साथियों का बचाव ही किया है। हर गलती की जिम्मेदारी खुद ली है, अंधा नहीं हूं।
50 साल से मीडिया में हूँ।
दुनिया मेरी हथेली में है तो मेरे अपने।
क्या अंधेरगरदी करते हैं, कैसे मुझे चूना लगाते हैं, सब जानता हूँ।
नुकसान सहकर मरते खपते हुए हमेशा रिश्ते बचाने की कोशिश करता हूँ।
लेकिन सिर्फ रिश्तों के खातिर सच के खिलाफ नहीं जा सकता।
मैं किसी पार्टी में नहीं हूँ।
अकेला हूँ।
लेकिन सच के लिए दुनिया से लड़ सकता हूँ।
सत्ता की चापलूसी करना मुझे नहीं आता।
नवधनाढ्यों से निवेदन है कि करोड़पति अरबपति मैंने भी खूब बनते बिगड़ते देखा है और वे मेरी आवाज़ कभी नहीं दबा सके, देखना है कातिल के बाजू में, कितना है।
पलाश विश्वास