HC Verma's award is a confirmation of the darkness of science and reason in this country
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जानिए कौन हैं एचसी वर्मा जिन्हें पद्म पुरस्कार मिला है
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आज एचसी वर्मा ट्रेंड कर रहे हैं। उनको पद्म पुरस्कार मिला है। वर्मा जी की सबसे बड़ी उपलब्धि है IIT की तैयारी करने वालों के लिए रामबाण मानी जाने वाली फिजिक्स की किताब का लेखन।
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उदारीकरण आते ही किशोरावस्था को प्राप्त हम लोगों की पीढ़ी इंजीनियरी या डॉक्टरी की तैयारी के चंगुल का दर्द झेल चुकी है। लड़के तब एचसी वर्मा और आरसी मुखर्जी लगा के खुश होते थे। थोड़ा तेज़ लड़के इरोडोव लगाते थे। सब इंजीनियर/डॉक्टर बन के निकल गए नयी सदी के मुहाने पर बाहर। प्रवासी हुए तो 2014 में देशभक्ति याद आयी। नोएडा/बंगलुरू रहे तो सीधे भाजपा के वोटर बने।
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मेरे सहपाठियों में ज़्यादातर तो अब तक एचसी वर्मा का फल भोगते हुए राष्ट्रवादी बने हुए हैं। कुछ हैं जिन्हें सात साल लग गया समझने में कि मामला क्या है, लेकिन जब समझ आया तो वे केजरीवाल प्रेमी बनकर उभरे।
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वर्मा जी को फिजिक्स शिक्षण के लिए पद्म पुरस्कार मिला है।
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ये कैसा विज्ञान शिक्षण जिसने पीढ़ियों की तर्कशक्ति को नष्ट कर के दिमाग कुंद कर दिया? कहीं वर्मा जी को इसीलिए तो पुरस्कार नहीं दिया गया?
विज्ञान पढ़ने से दिमाग का खुलना एक बात है। विज्ञान पढ़ के प्रतियोगी परीक्षा निकालना दूसरी बात। वर्मा, खन्ना, मुखर्जी आदि सब के सब प्रॉब्लम सॉल्विंग केंद्रित किताबें लिखते रहे और लड़के इन्हें लगा लगा के विदेश जाते रहे। किताब का नाम दिया Concepts Of Physics, कांसेप्ट इतना ही समझाया कि सवाल हल कर ले जाए परीक्षार्थी, बिना दिमाग को दर्द दिए। यही बात सरकार को भी समझ में आयी पुरस्कार देने के लिए।
नाली की गैस से चूल्हा जला के चाय बनाना, नोट में चिप लगाना, चलती ट्रेन की हवा से बिजली बनाना, नोट बन्द कर के आतंकवाद मिटाना- ये सब प्रॉब्लम सॉल्विंग एप्रोच के मूर्खतापूर्ण उदाहरण हैं। ठीक वैसे ही जैसे गणित या भौतिकी का कोई कठिन से कठिन सवाल सही सही हल कर लेना और नंबर पा जाना। इसमें प्रोसेस गायब है। लॉजिक की ज़रूरत नहीं। आर्गुमेंट देने का लाभ नहीं। सही जवाब दो, लाटरी जीतो!
हमेशा हर सवाल को सही हल करने की बाध्यता या आग्रह दिमाग को कमज़ोर कर सकता है। विज्ञान, समाज, प्रकृति, राजनीति हां या ना का खेल नहीं है। दुनिया में सही या गलत की पहचान और उस तक पहुंचने का एक तरीका होता है। इसी एप्रोच के अभाव ने ये हालत की है देश की। एचसी वर्मा को मिला पुरस्कार इस देश में विज्ञान और तर्कबुद्धि के अंधेरे की पुष्टि है।
Harish Chandra Verma is an Indian experimental physicist and emeritus professor of the Indian Institute of Technology Kanpur. His field of research is nuclear physics. He has authored several school, undergraduate and graduate textbooks, the most popular being the two-volume Concepts of Physics. (Wikipedia)