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अडानी ने क्यों की कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों की भूरि-भूरि प्रशंसा?

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अडानी के कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों की प्रशंसा करने का रहस्य क्या है? अडानी की राय मोदी की राय के खिलाफ क्यों है?

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वैसे तो भारतीय जनता पार्टी (विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) बार-बार यह कहते हैं कि पिछले 75 साल में देश ने कोई विशेष प्रगति नहीं की है परंतु देश के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी की ऐसी राय नहीं है। वे देश की औद्योगिक प्रगति के लिए तीन कांग्रेस नेताओं को श्रेय देते हैं।

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‘इंडिया टुडे’ को एक विशेष साक्षात्कार में गौतम अडानी ने कहा कि जो नीति विषयक निर्णय राजीव गांधी, पी. वी. नरसिम्हाराव और उनके वित्तमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने लिए उनके कारण उनके जैसे उद्योगपतियों को उन्नति का अवसर मिले।

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यह बात अडानी ने तब कही जब उनसे इस आरोप के बारे में उनकी टिप्पणी चाही गई कि उनकी अद्भुत उन्नति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। इस आरोप को उन्होंने पूरी तरह बेबुनियाद बताया और कहा कि उनकी औद्योगिक उन्नति का श्रेय कांग्रेस सरकारों की नीतियों को जाता है।

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इस संबंध में अडानी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उदार आयात-निर्यात नीति की तारीफ़ की और कहा कि यदि राजीव गांधी ने ऐसी नीतियां न बनाईं होतीं तो मैं अपने एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना नहीं कर पाता। इसके बाद प्रधानमंत्री नरसिंम्हाराव की नीतियों से सेकंड पुश (दूसरी बड़ी सहायता) मिली। नरसिम्हाराव ने अपने वित्तमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलकर ऐसे महत्वपूर्ण सुधार किए जिससे देश के औद्योगिक और आर्थिक वातावरण में भारी परिवर्तन आया।

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इसी तरह भारत के विकास में प्रधानमंत्रियों के योगदान की चर्चा करते हुए ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में वरिष्ठ पत्रकार कुमी कपूर जहां प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कुछ कमियों का उल्लेख करते हुए कहती हैं कि नेहरू ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की, उन्होंने देश में मजबूत संवैधानिक संस्थाओं की स्थापना की जो देश में चेक और बेलेंस की भूमिका निभाती हैं।

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एक ऐसे दौर में जब अनेक नवोदित राष्ट्रों की सत्ता पर तानाशाह काबिज हो गए नेहरू ने देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं की नींव डाली, नाभिकीय अनुसंधान एवं विकास के लिए संस्थाओं की स्थापना की, प्रगतिशील हिन्दू कोड बिल तैयार करवाया, ऐसे धर्मनिरपेक्ष समाज की स्थापना की जिसमें अल्पसंख्यक (मुस्लिम) स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें।

अपने लेख में कपूर ने नरसिम्हाराव द्वारा किए गए महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में सबसे शक्तिशाली गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे देश के आम नागरिकों को लाभ हुआ है। जैसे गैस कनेक्शन पर अनुदान (उज्जवला योजना), शौचालयों का निर्माण, गांव-गांव तक पाईप के माध्यम से जलप्रदाय और धारा 370 का खात्मा। परंतु उनकी कुछ नीतियां ऐसी हैं जिनसे मुस्लिम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनकी नीतियों के चलते नेहरू की नीतियां यूटोपियन (अकल्पनीय) नजर आती हैं विशेषकर जीवंत संसद और स्वतंत्र संवैधानिक संस्थाएं।

-एल. एस. हरदेनिया

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