Advertisment

सुप्रीम कोर्ट की फटकार : क्या नफरती एंकर्स पर कोई प्रभाव पड़ेगा? जानिए क्या कहते हैं जस्टिस काटजू

author-image
Guest writer
14 Jan 2023
फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार कार्यकर्ता को शाम 5 बजे तक रिहा करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट की फटकार का न्यूज चैनलों के नफरती एंकर्स पर कोई फर्क पड़ेगा ?

Advertisment

मेरा मानना है कि कुछ नहीं पड़ेगाI उसके दो कारण हैं

Advertisment

(1) केवल डाँट फटकार का कोई मतलब नहीं होता, जब तक डाँट सुनने के बावजूद अगर टीवी एंकर अपने तौर तरीक़े नहीं बदलते, उन्हें सख्त सजा न मिलेI

Advertisment

साम्प्रदायिकता फैलाना इंडियन पीनल कोड की धारा 153 ए और धारा 295 ए के तहत दण्डनीय अपराध हैंI देखा गया है कि कोर्ट अक्सर साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ भाषण तो देती आयी है, मगर इसे फैलाने वालों को दण्डित नहीं करतीI कोरी बयान बाज़ी से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

Advertisment

(2) इन टीवी ऐंकरों की रोज़ी रोटी साम्प्रदायिकता फैलाने से चलती हैI कोई भी अपने पेट पर लात नहीं मारेगा, जब तक उसे यह भय न हो कि ऐसा करने से उसे कठोर दण्ड मिलेगाI यह टीवी एंकर समझते हैं कि अदालत की डाँट केवल गीदड़ भभकी और लफ़्फ़ाज़ी  है और उन्हें कोई सजा नहीं मिलेगी, विशेषकर जब सरकार उनके समर्थन में हैI

Advertisment

जस्टिस मार्कंडेय काटजू

Advertisment

लेखक सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बोले, मीडिया बिक चुका है, फ्री स्पीच पर पहरा है

Will Supreme Court's reprimand make any difference to the hateful anchors of news channels?

Advertisment
सदस्यता लें