Advertisment

वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर सजग होने का समय

author-image
hastakshep
02 Mar 2021
वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर सजग होने का समय

Advertisment

विश्व वन्यजीव दिवस (03 मार्च) पर विशेष : Special on World Wildlife Day (03 March)

Advertisment

 नई दिल्ली, 02 मार्च: पृथ्वी पर अलग-अलग प्रकार से जीवन का विकास हुआ है, जो मानव के अस्तित्व में आने के साथ ही उसकी आवश्यकताओं को पूरा करता रहा है और आज भी कर रहा है। प्रकृति में अनेक प्रकार के जीव-जन्तु हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के अनुरूप विकसित हुए हैं, और उनका जीवन तब तक सामान्य रूप से चलता रहता है, जब तक पर्यावरण अनुकूल रहता है। लेकिन, मनुष्य ने विकास के क्रम में न केवल पारिस्थितिक तंत्र को बिगाड़ा है, बल्कि वन्यजीवों और समुद्री जीवों के अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है।

Advertisment

विश्व वन्यजीव दिवस कब मनाया जाता

Advertisment

मानवीय गतिविधियों के कारण पूरी दुनिया में वन्यजीवों की संख्या लगातार कम हो रही है। इस संकट को देखते हुए हर साल 03 मार्च को वन्यजीवों और वनस्पतियों के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व वन्यजीव दिवस (WORLD WILDLIFE DAY) मनाया जाता है।

Advertisment

The main objective of World Wildlife Day

Advertisment

विश्व वन्यजीव दिवस का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता, सहयोग और समन्वय स्थापित करना है। वन्यजीवों और वनस्पतियों के संरक्षण से मिलने वाले लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन दुनियाभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Advertisment
विश्व वन्यजीव दिवस की शुरुआत कब हुई

इसकी शुरुआत 20 दिसम्बर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। तभी से, हर साल 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें वन्यजीवों के खिलाफ होने वाले अपराध और मानव द्वारा उत्पन्न विभिन्न व्यापक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के कारण प्रजातियों की घटती संख्या के खिलाफ लड़ने की जरूरत की याद दिलाता है।

विश्व वन्यजीव दिवस की 2021 की थीम

विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर विभिन्न वन्यजीव एवं वनस्पति प्रजातियों के संरक्षण, उनके निरंतर प्रबंधन और भविष्य की पहलों पर आधारित प्रतिबद्धताओं पर दृढ़ता से अमल करने का संकल्प दोहराया जाता है। प्रतिवर्ष इस दिवस की अलग-अलग विषयवस्तु होती है, जिसके माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीवों, प्रजातियों और प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने हेतु लोगों को जागरूक किया जाता है। इसी क्रम में, वर्ष 2021 की विषयवस्तु ‘वन और आजीविका: लोग और ग्रह को बनाए रखना’ है। अर्थात पृथ्वी को जीवंत बनाये रखने के लिए मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षी, और पेड़-पौधों का रहना अत्यंत आवश्यक है। आज जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए, पारिस्थितिक तंत्र के प्राकृतिक वैभव की रक्षा करना, और पृथ्वी पर प्रत्येक जीवित प्राणी के साथ सह-अस्तित्व की एक प्रणाली विकसित करना हमारा कर्तव्य है।

विश्व वन्यजीव दिवस क्यों महत्वपूर्ण है

हाल के दशकों में मानव ने अपनी आवश्यकताओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बहुत अधिक दोहन किया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े-बड़े जंगल खत्म होने की कगार पर हैं। वहीं, जीव-जंतुओं का शिकार भी बढ़ा है, जिससे उनकी विलुप्ति का संकट खड़ा हो गया है। जहाँ एक तरफ जंगल खत्म हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रदूषण भी लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रकृति में नकारात्मक बदलाव हो रहा है, और ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) जैसे भयावह परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में, प्रकृति और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विश्व वन्यजीव दिवस बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत में वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर शुरू से ही सजग रहा है। वन्यजीव अपराधों की रोकथाम, अवैध शिकार पर लगाम और वन्यजीव उत्पादों के अवैध व्यापार पर प्रभावी रोक के लिए सरकार ने 1972 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम लागू किया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों के अवैध शिकार, और उनके जैविक अवशेषों जैसे माँस, चमड़े इत्यादि के व्यापार को रोकना है। यह अधिनियम जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों के  संरक्षण पर जोर देता है। इस अधिनियम के तहत किसी वन्यजीव को पकड़ने की कोशिश करना, उन्हें नुकसान पहुँचाना गैर-कानूनी है। इसके अलावा, वन्यजीवों के लिए बने अभ्यारण्य में आग लगाना, वनों में हथियार के साथ प्रवेश पर भी रोक है। इस कानून के तहत जंगल के पेड़-पौधों को तोड़ना या काटना मना है। सरकार ने वन्य प्राणियों से जुड़े कानून को मजबूत बनाने के उद्देश्य से वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में जनवरी, 02003 में संशोधन किया। इसके तहत सजा और जुर्माने को अधिक कठोर बनाया गया है।

(इंडिया साइंस वायर)

Advertisment
सदस्यता लें