कोरोना संदिग्ध लोगों की अधिक से अधिक हो जांच : येचुरी
Yechury raised the question, when the Prime Minister’s Relief Fund is already working, then why the PM Cares Fund separately?
नई दिल्ली। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी – Communist Party of India (Marxist) CPI (M) General Secretary Sitaram Yechury ने कोरोना वायरस (कोविड-19) से लड़ने के लिए सरकार के सामने सात सवाल उठाते हुए कोरोना के संदिग्ध मरीजों की अधिक से अधिक जांच कराने पर जोर दिया है ताकि हम समय रहते इसका अभी भी हल निकाल सकें।
येचुरी का कहना है कि जब पहले से ही प्रधानमंत्री राहत कोष काम कर रहा है तो अलग से पीएम केयर्स फंड बनाने की क्या आवश्यकता थी।
माकपा महासचिव ने ट्वीट करके इन सवालों को उठाते हुए यह भी पूछा है कि कोरोना के बारे में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन रोज शाम को खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में ईमानदारी और पारदर्शी ढंग से सवालों का जवाब देने की जरुरत है लेकिन ये दोनों मंत्री मीडिया के सामने ब्रीफिंग में सामने नहीं आते।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बार-बार चेतावनी दी है कि डॉक्टरों, नर्सों आदि के लिए मास्क ,गियर एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराया जाए। सरकार आखिर इसे खरीदने में विलम्ब क्यों कर रही है।
माकपा नेता ने कहा कि यह सरकार सहकारी संघवाद की बात करती है लेकिन कोई निर्णय लेने से पहले केंद्र राज्यों की बातों को सुने और उन्हें सहयोग करे।
श्री येचुरी ने अपने ट्वीट के समर्थन में मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों को भी पेश किया जिसमें कोरोना के बारे में सही वस्तुस्थिति का पता चलता है।
माकपा नेता के ये सवाल मीडिया की रिपोर्टों में भी उठाए गए हैं।।
First, we need clear and honest information from the central govt on Covid-19 virus. The attempt to divert & obstruct genuine queries is akin to playing with the lives of millions of Indians. Why is the health minister and the home minister not leading the briefing every evening? https://t.co/3Mltr6MDbr
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 31, 2020
Finally, when a PM National Relief Fund already exists, what is the need for a new fund? There is no clarity about the new fund, which raises questions about this collection. We can’t forget that this govt brought opaque electoral bonds and collected 1000s of crores anonymously. https://t.co/l4hl9uDNbD
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 31, 2020
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