Advertisment

आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति ने योगी आदित्यनाथ को किया सम्मानित, रिहाई मंच ने उठाया सवाल

author-image
hastakshep
30 Mar 2021
योगीराज : 4 साल में बेरोजगारी बेशुमार

Advertisment

Yogi Adityanath was honored by a person of criminal background, Rihai Manch raised questions

Advertisment

लखनऊ 30 मार्च 2021. रिहाई मंच ने बहराइच में कथित आपराधिक रिकार्ड वाले सजातीय व्यक्ति द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्मानित करने की घटना पर सवाल किया कि क्या यही है योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति।

Advertisment

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ अपराधियों के सफाए को लेकर यूपी से बंगाल तक घूम-घूमकर कहते नहीं थकते पर वहीं दूसरी तरफ आपराधिक रिकॉर्ड वाले देवेन्द्र सिंह गब्बर (Devendra Singh Gabbar with criminal record) जैसे लोगों से सम्मानित होते हैं। महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण के नाम पर क्षत्रियों का जमावड़ा लगाया गया। इसमें आपरधिक रिकॉर्ड वालों ने न केवल मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया बल्कि योगी आदित्यनाथ को सम्मानित भी किया। इस घटना से साफ होता है कि राजनीतिक हितों के अनुरूप सरकार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री पर अपराधियों की जाति को देखकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के जो आरोप लगते रहे हैं वो इस घटना से पुष्ट होते प्रतीत होते हैं।

Advertisment

राजीव यादव ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री का अपराधियों को जेल या ऊपर भेजने का आक्रामक अभियान केवल मुसलमानों, पिछड़ों और दलितों के लिए है।

Advertisment

उन्होंने मुख्तार अंसारी का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार उन्हें पंजाब से लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाती है जिसे उनके परिजन मुख्तार को जान से मारने की साजिश मानते हैं। इस सम्बंध में उनकी पत्नी अपनी आशंकाओं से भारत के राष्ट्रपति तक को अवगत कराते हुए हस्तक्षेप की मांग कर चुकी हैं। दूसरी तरफ देवेंद्र सिंह गब्बर जैसे आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले न केवल आज़ाद घूम रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने के साथ ही उन्हें सम्मानित भी कर रहे हैं।

Advertisment

राजीव यादव ने कहा कि हर गुनहगार को कानून के मुताबिक सज़ा सुनिश्चित कराना सरकार की ज़िम्मेदारी है। अपराधियों के अंदर कानून का भय होना चाहिए न कि फर्जी तरीके से ठोंक दिए जाने का।

उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के अलावा लोकतंत्र में राज्य को किसी की भी जान लेने का अधिकार नहीं है। लेकिन जहां कानून के भय के बजाए बंदूक का आतंक होगा वहां बंदूकें कुछ अपराधियों की रक्षक और कुछ के लिए कानून व न्याय के खिलाफ हत्यारी बन जाएंगी।

Advertisment
सदस्यता लें