लखनऊ, 6 अप्रैल। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) का दुरुपयोग कर रही है। सरकार ने इस कठोर कानून का विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय व राजनीतिक विरोधियों का उत्पीड़न करने के लिए जमकर दुरुपयोग किया है। डॉ. कफील का मामला भी उनमें से एक है।
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राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि गुजरे तीन साल के दौरान मुख्यमंत्री योगी की सरकार में रासुका लगाने के हर पांच मामलों में से औसतन चार गलत निकले और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया। रासुका लगाने के विरुद्ध हाई कोर्ट पहुंची अपीलों और उनके निस्तारण के आंकड़ों से उपरोक्त बातों की पुष्टि होती है। यह आंकड़ा एक प्रमुख राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक की पड़ताल से सामने आया है।
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माले नेता ने कहा कि यूपी में पुलिस राज कायम हो गया है। पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम और कमिश्नर सरकार के इशारे पर आंख मुद कर रासुका लगा रहे हैं। बिना वारंट व पेशी के किसी को भी गिरफ्तार कर एक साल के लिए जेल भेजने, आरोपी को सामान्य लोकतांत्रिक व कानूनी अधिकारों से वंचित करने का राज्य को अधिकार देने वाले इस कुख्यात कानून का इस्तेमाल करने से योगी सरकार को हर हाल में रोका जाना चाहिए। उन्होंने संविधान व नागरिक अधिकारों की संरक्षक सुप्रीम कोर्ट से इसका संज्ञान लेने की अपील की।