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मजदूरों को रोजी-रोटी तो दे ही नहीं सकती सरकार कम से कम उनकी गरिमा का सम्मान ही करे, जवानों की शहादत पर योगी सरकार का ट्वीट भेदभावपूर्ण

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hastakshep
07 May 2020
मजदूरों को रोजी-रोटी तो दे ही नहीं सकती सरकार कम से कम उनकी गरिमा का सम्मान ही करे, जवानों की शहादत पर योगी सरकार का ट्वीट भेदभावपूर्ण

Yogi Sarkar's tweet on martyrdom of soldiers

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जवानों की जातियां न देखे सरकार - सामाजिक न्याय मंच

राजधानी लखनऊ में जिस तरह मजदूरों को सैनिटाइज किया गया वो अमानवीय

लखनऊ, 06 मई 2020 : सामाजिक न्याय मंच के बलवंत यादव ने कहा है कि योगी सरकार के ट्वीटर से शहीद हुए जवान कर्नल आशुतोष शर्मा को 50 लाख और वहीं दूसरे ट्वीट में सीआरपीएफ के अश्विनी यादव को केवल संवेदना प्रकट करने पर सवाल उठे हैं। सरकार को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। जवानों के साथ किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं करना चाहिए। शहादत को जाति के नजरिए से देखा जाना अमानवीय है। देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिवार के साथ दुःख की इस घड़ी में सरकार खड़ी हो।

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राजधानी लखनऊ में सड़क पर मजदूरों के सेनिटाइजेशन पर रिहाई मंच नेता शाहरुख अहमद ने कहा कि मजदूरों पर सभी दुःख के पहाड़ आ गिरे हैं, ऊपर से सरकारी की उदासीनता मजदूरों पर दोहरी मार साबित हो रही है। एक तरफ प्रवासी मज़दूरों से ट्रेन के टिकट का पैसा सरकार ले रही है तो दूसरी तरफ सड़क पर उन्हें अमानवीय तरीके से सेनिटाइज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार मज़दूरों का तुरंत बेहतर इलाज कराए। जो मजदूर बाहर से आ रहे हैं, उनकी पूर्णतया स्क्रीनिंग कराई जाए। लॉकडाउन में मजदूरों की स्थिति भयावह हो गई है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार मजदूरों को 5000 रुपये का श्रमिक भत्ता दे, जिससे इन्हें परिवार के पालन पोषण करने में इस लॉक डाउन में कोई परेशानी न हो।

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