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रंजन गोगोई को मिला इनाम, जस्टिस काटजू बोले वतन की फिक्र कर नादां मुसीबत आने वाली है

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hastakshep
17 Mar 2020
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने कहा हैदराबाद 'एनकाउंटर' स्पष्ट रूप से फर्जी प्रतीत होता है

नई दिल्ली, 17 मार्च 2020. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई (Retired Chief Justice of the Supreme Court of India Justice Ranjan Gogoi) को राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में सदस्य मनोनीत किए जाने पर सर्वोच्च न्यायालय के ही अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू (Justice Markandey Katju, a retired judge of the Supreme Court) ने व्यंग्यात्मक लहजे में "हरि ओम" कहा है।

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जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अपने सत्यापित फेसबुक पेज पर वन लाइनर के जरिए कटाक्ष किया –

“गोगोई का राज्यसभा के लिए नामांकन हुआ

हरि ओम”

इसके पहले जस्टिस काटजू ने अल्लामां इक़बाल का प्रसिद्ध शेर “वतन की फिक्र कर” पोस्ट किया, हालांकि उस पोस्ट में गोगोई एपिसोड का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन पोस्टिंग के तारतम्य से समझा जा सकता है कि काटजू का इशारा गोगई प्रकरण से न्यायपालिका की विश्वसनीयता के संकट को लेकर है।

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उन्होंने पोस्ट किया

“वतन की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है

तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में

न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दोस्तां वालों

तुम्हारी दास्तां तक भी न रह जाएगी दास्तानों में”

यह भी पढ़ें – सीजेआई गोगोई न्यायपालिका पर धब्बा थे, लेकिन बाकी जज सुप्रीम कोर्ट के चीर हरण को देखते हुए भीष्म पितामह की तरह क्यों खामोश थे ?

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गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है,

“भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं।”

Justice Ranjan Gogoi was the 46th Chief Justice of the country.

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न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला।

Biography of Justice Ranjan Gogoi in Hindi

18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था।

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28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने।

यह भी पढ़ेंपूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने पर जस्टिस लोकुर ने पूछा – क्या आखिरी खंभा भी ढह गया?

Justice Markandey Katju's response to Justice Ranjan Gogoi being nominated to Rajya Sabha
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