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बढ़ती जा रही है हलचल दल के दल दलों की दलदल

बढ़ती जा रही है हलचल दल के दल दलों की दलदल

शब्द | हस्तक्षेप | साहित्यिक कलरव Poems of Nisha Nishant चलो फिर बादल बन  बूँद बनें , बरसें रिमझिम  ताल बनें , झील बनें , नदियाँ बनें, सागर बनें  यायावर हो, यहाँ-वहाँ  घूमें -फिरें चाहें ज…
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