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RIP Captain Satish Sharma : आपने सिखाया कि दोस्ती कैसे निभाई जाती है

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hastakshep
17 Feb 2021
#Breaking : मोदी के सांसद ने कहा, वित्त मंत्री सीतारमण अर्थशास्त्र नहीं जानतीं... दिन की शीर्ष सुर्खियाँ

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Congress leader Captain Satish Sharma dies at the age of 73

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नई दिल्ली, 17 फरवरी 2021. दिग्गज कांग्रेस नेता कैप्टन सतीश शर्मा का बुधवार को निधन हो गया. कैप्टन शर्मा लंबे समय तक अमेठी लोकसभा क्षेत्र में गांधी परिवार के प्रतिनिधि थे.

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कैप्टन सतीश शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ओबैद नासिर

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पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन सतीश शर्मा की मौत पार्टी का हो या न हो लेकिन नेहरु गांधी परिवार का बहुत बड़ा नुकसान है जैसे एक अभिभावक उठ गया होI

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राजीव गांधी की शहादत के बाद जिस वफादारी और मोहब्बत से कैप्टन सतीश शर्मा ने न सिर्फ उस परिवार को सहारा दिया, बल्कि अमेठी के अवाम को भी उनकी कमी नहीं महसूस होने दी यह बहुत बड़ी बात हैI

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राजीव जी के जीवन में ही उनके अपनों ने उनके साथ दगा बाज़ी शुरू कर दी थी, ख़ास कर अरुण नेहरु ने जिस तरह भितरघात किया और अपने भाई के सियासी नुकसान की साज़िश करता रहा वह बेहद शर्मनाक है। लेकिन सतीश शर्मा चट्टान की तरह उस परिवार के साथ खड़े रहे।

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राजीव जी के बाद जब सोनिया जी ने राजनीति में आने से इनकार कर दिया तो अमेठी से खाली हुई सीट पर सतीश शर्मा को ही चुनाव लड़ना पड़ा। अपने चुनावी भाषण में वह यही कहते रहे कि मैं राजीव जी की खडाऊं रख कर यह चुनाव लड़ रहा हूँ और अमेठी की जनता को उनकी कमी नहीं महसूस होने दूंगा और उन्होंने पूरी क्षमता औरत ताक़त से यह वादा निभायाI

दिल्ली में एरो क्लब और शास्त्री भवन में अमेठी वालों की भीड़ लगी रहती थी और कोई मायूस नहीं लौटता थाI वह पेट्रोलियम मंत्री थे और अमेठी में थोकभाव में पेट्रोल पम्प और गैस एजेंसियां दीं। जायस में पेट्रोलियम रिसर्च इंस्टिट्यूट खुलवाया। पेट्रोलियम सिलेक्शन बोर्ड में हर जगह एक न एक अमेठी का सदस्य रखते थे, जिस से उसकी गरीबी दूर हो जाती थीI

मैं उन्हीं दिनों हेराल्ड एम्प्लाइज यूनियन का महासचिव चुना गया था। कई महीनों की सैलरी बाक़ी थी भुखमरी की नौबत थी। अमेठी के अपने कनेक्शन इस्तेमाल कर के Captain साहब से मिला। सब बातें बतायीं। वह पहले से ही बहुत कुछ जानते थे, वादा किया कि अब सैलरी हर महीने मिलेगी और  यह कर भी दिखाया।

यही नहीं मैं जब भी देहली जाता 2-4 gas cylinders लिखवा लाता था तो साथियों के दे देता था। न जाने कितने cylinders दिलवाए थे मैंने अपने साथियों को। उनसे मैंने निजी तौर पर कोई फायदा नहीं लिया लेकिन हेराल्ड कर्मियों को हर महीने वेतन और gas cylinders की भरमार कर देने से उनके एहसानों को मैं भूल नहीं सकता, क्योंकि एहसान फरामोशी अमानवीयता और नैतिक अपराध है।

captain साहब आप हमारी यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे आपका शाहाना अंदाज़ मस्त मौला किस्म का अंदाज़ हमेशा हँसते मुस्कुराते रहना और सब से बड़ी बात नेहरु गाँधी परिवार के प्रति आपकी वफादारी हम सब के लिए मिसाल है। आपने सिखाया कि दोस्ती कैसे निभाई जाती है।

RIP Captain Satish Sharma.

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