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गीतांजलि श्री

विमर्श के लिए ज़रूरी नहीं होते हैं शब्द !

विमर्श के लिए ज़रूरी नहीं होते हैं शब्द !

जब सोशल मीडिया नहीं देखती हैं गीतांजलि श्री तो जवाब किसे दे रही हैं? लकान का ‘बिना शब्दों का विमर्श‘ और गीतांजलि श्री का व्यवहार.
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