नवउदारवादी

निजी विश्वविद्यालय : कहां खड़े हैं भारत के बुद्धिजीवी?

निजी विश्वविद्यालय : कहां खड़े हैं भारत के बुद्धिजीवी?

जैसे-जैसे राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालय बर्बाद होते जाएंगे, समाजशास्त्र और मानविकी के विषय पूरी तरह निजी विश्वविद्यालयों के हवाले होते जाएंगे. मानवीय परस्परता और संवेदना को सांप्रदायिकता ने ग्रस लिया है.
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